– निगरानी ने विभाग के प्रधान सचिवों के साथ ही आयुक्त डीएम को भेजा पत्र
संवाददाता, पटना
निगरानी विभाग अब किसी भी शिकायत की जांच बिना विभागीय मंत्री के अनुमोदन के शुरू नहीं करेगा. किसी भी मामले की जांच के लिए यदि कोई सरकारी कर्मचारी पदाधिकारी निगरानी को अपनी शिकायत देता है तो उसे पहले विभाग के मंत्री का अनुमोदन लेना होगा. मामला यह है कि निगरानी के पास बगैर सक्षम प्राधिकार की अनुमति के ही अनेक मामले पहुंच रहे हैं. जिसे देखते हुए निगरानी विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने इस संबंध में आदेश जारी किया हैं.प्रधान सचिव ने सभी विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिवों के साथ ही सभी प्रमंडलीय आयुक्त और जिलाधिकारियों को एक पत्र भेजा है. पत्र में कहा गया है कि निगरानी को मिली विभिन्न शिकायतों के निबटारे के क्रम में यह जानकारी सामने आयी कि आवेदन करना वाला व्यक्ति अपनी शिकायत कई कार्यालयों, विभागों को भेजता है. कार्यालय बिना अपने स्तर पर किसी प्रकार की जांच पड़ताल किए या बिना सक्षम प्राधिकार का अनुमोदन लिए ही संबंधित शिकायत को सीधे निगरानी को भेज देते हैं. निगरानी विभाग ने इस व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. पत्र में इस संबंध में पूर्व के वर्षो में जारी आदेश-अनुदेश का हवाला देकर लिखा है कि पूर्व के आदेश में स्पष्ट किया गया है कि निगरानी ब्यूरो या निगरानी कोषांग द्वारा किसी पदाधिकारी के खिलाफ तब तक कोई जांच प्रारंभ नहीं की जायेगी जब तक विभाग अपनी तरफ से मंत्री का आदेश लेकर निगरानी को जांच के लिए नहीं भेजते हैं. भविष्य में यदि ऐसी किसी जांच के लिए निगरानी ब्यूरो या कोषांग को शिकायत भेजी जाए तो उस पर विभाग मंत्री का अनुमोदन अवश्य प्राप्त किया जाये.
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