Jharkhand News: आत्मसमर्पण नीति ‘नई दिशा’ के तहत लोहरदगा के बक्सीडीपा स्थित न्यू पुलिस लाइन में बुधवार को माओवादी संगठन के हार्डकोर नक्सली सूरजनाथ खेरवार ने सरेंडर किया. डीसी-एसपी के समक्ष नक्सली ने सरेंडर किया. आत्मसमर्पण के दौरान हार्डकोर नक्सली को फूल और सरकार नीति के तहत दिए जानेवाले राशि में से एक लाख रुपये का चेक दिया गया. सरेंडर करने के बाद नक्सली सूरजनाथ ने अन्य नक्सलियों से भी बंदूक छोड़ सरकार के मुख्यधारा में जुड़ने की अपील की है.
नक्सलियों के लिए सरेंडर पॉलिसी काफी लाभदायक
इस मौके पर डीसी वाघमारे प्रसाद कृष्ण ने कहा कि सरकार की नीति उग्रवादी संगठन के लिए काफी लाभदायक है, जो मुख्यधारा से जुड़ने का अवसर प्रदान करती है. कहा कि अन्य उग्रवादियों को इस धारा से जुड़कर जीवन संवारने का अवसर प्रशासन की ओर से सरकार की नीति के तहत दिया जाएगा. साथ ही कहा कि उन उग्रवादियों के लिए यह योजना वरदान साबित होगा, जो मुख्यधारा से जुड़कर परिवार का भविष्य संवारने का कार्य कर सकते हैं.
नक्सलियों के खिलाफ डबल बुल अभियान
आयोजित आत्मसमर्पण नीति कार्यक्रम के दौरान पुलिस कप्तान प्रियंका मीणा ने बताया कि डबल बुल अभियान के तहत अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में लगतार उग्रवादियों के खिलाफ जिला पुलिस, जगुआर, कोबरा, सैट द्वारा सर्च अभियान चलाया जा रहा था. जिसमें कुछ उग्रवादियों को अपना जीवन मुठभेड़ के दौरान गंवाना पड़ा और कुछ माओवादी संगठन के उग्रवादी गिरफ्तार हुए. इसी को देखते हुए माओवादी संगठन के एरिया कमांडर सूरजनाथ खेरवार, रवींद्र गंझू के दस्ते से निकलकर खुद को बचाते हुए प्रशासन के समक्ष आत्मसमर्पण किया. वहीं, अभियान एसपी ने बताया कि डबल बुल अभियान बुलबुल गांव के नाम पर रखा गया है. इसके तहत उन जंगली क्षेत्र में उग्रवादियों के खिलाफ संयुक्त सर्च अभियान में नक्सलियों को मुहंतोड़ जवाब दिया गया.
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बुलबुल गांव निवासी है नक्सली सूरजनाथ
बताया गया कि हार्डकोर नक्सली पेशरार थाना अंतर्गत बुलबुल गांव निवासी बालकिशुन खेरवार का पुत्र है. नक्सली सूरजनाथ मुख्यधारा से भटककर संगठन का दामन थाम लिया था. सूरजनाथ खेरवार लोहरदगा स्थित संचालित शांति आश्रम में कक्षा एक में अध्ययनरत था. वर्ष 2013-14 में भाकपा माओवादी संगठन के रवींद्र गंझू द्वारा प्रत्येक गांव से एक-एक बच्चा मांगा गया था. साथ ही नहीं देने पर परिजनों को धमकी भी दी गयी थी.
अन्य नक्सलियों को सरेंडर करने की अपील
वहीं, पुलिस प्रशासन के समक्ष सरेंडर करने के बाद नक्सली सूरजनाथ खेरवार ने कहा कि संगठन में मतभेद हावी हो गया है. सभी लोग अपने-अपने स्वार्थ के लिए कार्य कर रहे हैं. बस्ता सदस्यों को सिर्फ खाना मिलता है. वहीं, अधिक दबाव और शोषण किया जाता है. नक्सली सूरजनाथ ने भी अन्य नक्सलियों से सरेंडर कर सरकार द्वारा पुर्नवास नीति का लाभ उठाने और सम्मान के साथ गांव, घर और समाज में रहने की अपील की. सरेंडर नक्सली सूरजनाथ पर पेशरार थाना के अलावा सेरेंगदाग, बिशुनपुर और चंदवा थाना में कई मामले दर्ज है.
Posted By: Samir Ranjan.