लोहरदगा के संजीवनी अस्पताल के संचालक संजीव कुमार रेड्डी उर्फ संदीप कुमार (पिता-निरंजन कुमार) ने आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़ा कर लगभग आठ करोड़ रुपये का गबन किया है. उपायुक्त के आदेश पर गठित उच्चस्तरीय जांच टीम ने अपनी पड़ताल के बाद तैयार रिपोर्ट में उक्त फर्जीवाड़े की पुष्टि की है. साथ ही कई चौंकानेवाले तथ्य भी उजागर किये हैं. टीम ने जांच रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप दी है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि अस्पताल के संचालक ने स्वास्थ्य विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र समेत कोई वैध कागजात प्रस्तुत नहीं किया है. वहीं उसके पास न तो विशेषज्ञ चिकित्सकों की सूची है और न ही डॉक्टरों का ड्यूटी रोस्टर. संजीव रेड्डी संजीवनी अस्पताल, मां यशोदा और मां क्लिनिक के नाम तीन अस्पताल चलाता था. अनियमितता एवं जांच के डर से उसने मां क्लिनिक को बंद कर दिया. जबकि, शेष दो अस्पतालों को जांच टीम ने सील कर दिया है.
जांच टीम ने पाया कि मानकों के विरुद्ध अस्पताल भवन के अंदर ही साइलेंट जेनरेटर रखा गया है. वहीं, डॉक्टरों की फर्जी डिग्री दिखाकर अस्पताल में मरीजों का ऑपरेशन किया जाता है. योजना के तहत कई बार जाली निकासी की गयी है. अस्पताल का संचालक कई डाक्टरों के फर्जी हस्ताक्षर और फर्जी फोटो संलग्न कर बार-बार जाली कागजात बनाता और बिना ऑपरेशन किये ही हाइड्रोसिल व हार्निया के ऑपरेशन का क्लेम आयुष्मान भारत योजना के तहत जेनरेट कर रहा था.
रिपोर्ट- गोपी/संजय