jharkhand news, lohardaga news, veer budhu bhagat ki jivani लोहरदगा : लरका आंदोलन के प्रणेता वीर बुधु भगत, हलधर – गिरधर भगत, बहन रूनिया तथा दुनिया समेत सात जाबांजों ने अंग्रेजी हुकूमत की जड़ें अपने अदम्य साहस से हिला दी थी. दो साल तक अंग्रेजी सेना सात जाबांजों को पकड़ने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते रही, लेकिन सफलता नहीं मिली.
सात वीर जवानों को पकड़ने के लिए अंग्रेजी सेना ने ईनाम की घोषणा की थी. धोखे से सात जांबाज पकड़े गये तथा सभी को एक ही रस्सी में बांधते हुए कत्लेआम कर दिया गया था. लरका आंदोलन के जांबाजों की याद में हर साल दो फरवरी को टिको पोखरा टोली में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन करते हुए वीर जवानों को श्रद्धासुमन अर्पित किया जाता है .
अंग्रेजी सेना तथा आंदोलनकारियों के बीच युद्ध छिड़ा हुआ था. लरका आंदोलन का नेतृत्व बीर बुधू भगत कर रहे थे. अंग्रेजी सेना के टिको में बने वार रूम पर हमला करते हुए अंग्रेजी हुकूमत को भारी नुकसान पहुंचाया गया था. इसी बीच एक फरवरी की देर रात्रि कुड़ू के जंगी बगिचा जहां सातों वीर जांबाज आराम कर रहे थे, इनाम के लालच में आंदोलन से जुड़े एक आंदोलनकारी ने अंग्रेजी हुकूमत को सूचना दी कि सातों आंदोलनकारी जिन्होंने टिको में हमला किया था, वे जंगी बगीचा में आराम कर रहे हैं.
इसके बाद अंग्रेजी हुकूमत ने लाव लश्कर के साथ जंगी बगीचा को चारों तरफ से घेर लिया तथा सभी सातों आंदोलनकारी को पकड़ लिया. सभी सातों आंदोलनकारियों को टिको पोखराटोली अंग्रेजी हुकूमत अपने कैंप में ले गयी. दो फरवरी की सुबह सातों को टिको पोखराटोली के समीप जोड़ा बर के पेड़ में एक रस्सी से बांधते हुए कत्लेआम कर दिया गया. तब से दो फरवरी को श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन होता आ रहा है.
Posted By : Sameer Oraon