लोहरदगा : झारखंड के लोहरदगा जिला में लोगों को लॉकडाउन का मतलब समझ आने लगा है. यही वजह है कि बेवजह कोई भी व्यक्ति बाहर नहीं निकल रहा है. जरूरी सामान खरीदने के लिए थोड़ी देर के लिए लोग बाहर आते हैं और फिर अपने घर में चले जाते हैं. बाजार में चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ है. दवाई दुकानों में सबसे ज्यादा भीड़ हो रही है. हालांकि, यहां भी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं.
शहरी क्षेत्र के ललित नारायण स्टेडियम में सब्जी का बाजार लगाया गया है. यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोग सब्जियों की खरीदारी कर रहे हैं. इसी तरह राशन की दुकानें भी खुली हैं. लोग जरूरत के सामान खरीद रहे हैं. अब दुकानों में अफरा-तफरी का माहौल नहीं है. लोग बिल्कुल शांतिपूर्ण तरीके से जरूरत के सामानों की खरीदारी कर रहे हैं.
कोरोना वायरस की भयावहता के बारे में जैसे-जैसे लोगों को जानकारी मिल रही है, वे सावधान होते जा रहे हैं. जिला प्रशासन ने लोगों को जागरूक करते हुए कहा है कि किसी भी चीज की कमी नहीं है. जरूरत के अनुसार ही सामग्रियों की खरीद करें. राशन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ प्रशासन ने कुछ जगहों पर कार्रवाई भी की है.
कई आवश्यक सेवाओं को लॉकडाउन से राहत दी गयी है. इनमें पशुओं का चारा, दवा की दुकान, राशन दुकान, गैस सिलिंडर, दूध सहित अन्य सामग्री की दुकानों को खोलने की इजाजत दी गई है .ताकि लोग अपनी जरूरत के सामानों को खरीद सकें. शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में जगह-जगह सब्जी की दुकानें लग रही हैं, जहां लोग अपनी जरूरत के हिसाब से सब्जियां खरीद रहे हैं.
क्षेत्र में पुलिस लगातार गश्ती कर रही है. लोगों को घरों में रहने की हिदायत दे रही है. चौक-चौराहों पर पुलिस बल तैनात हैं. अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति भी की गयी है. आपदा राहत केंद्र की स्थापना की गयी है, जहां लोग स्वेच्छा से दान दे रहे हैं और संकट की इस घड़ी में जरूरतमंदों की मदद भी कर रहे हैं.
नगर परिषद क्षेत्र में आइसोलेशन सेंटर बनाये गये हैं. सदर अस्पताल में चिकित्सक पूरी मुस्तैदी के साथ लगे हुए हैं. बाहर से आये लोगों की स्वास्थ्य जांच सदर अस्पताल में की जा रही है. लोहरदगा जिला के ग्रामीण इलाकों में भी जो स्वास्थ्य केंद्र हैं, उन्हें चुस्त-दुरुस्त कर दिया गया है. जरूरतमंदों को चावल का वितरण किया जा रहा है. छात्रों का मध्याह्न भोजन उनके घरों तक पहुंच रहा है.
लोहरदगा जिला में कोरोना वायरस से निबटने के लिए जिला प्रशासन ने कई सेल का गठन किया है. यहां अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर दी गयी है. सरकारी कार्यालय बंद हैं और लोग घरों से ही काम कर रहे हैं. जिले में विधि-व्यवस्था को लेकर लगातार प्रशासनिक अधिकारी बैठकें भी कर रहे हैं.
वैसे लोग जो बाहर से आये थे और लॉकडाउन की वजह से यहां फंस गये हैं, उन्हें भोजन उपलब्ध कराने के प्रबंध किये गये हैं. दाल-भात केंद्रों में खिचड़ी बनाकर लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है. इससे लोग काफी राहत महसूस कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि संकट की इस घड़ी में जब तक सभी लोग एकजुट होकर जागरूक नहीं होंगे, तब तक किसी भी संकट से निजात नहीं पा सकते हैं.