jharkhand news, lohardaga news : कुड़ू (लोहरदगा). कुड़ू ग्रामीण जलापूर्ति योजना पिछले तीन माह से बंद है. कनेक्शनधारियों से नवंबर माह के राजस्व वसूली करने के बावजूद जलापूर्ति बंद है. जलापूर्ति शुरू कराने के प्रति कुड़ू पंचायत के चयनित जनप्रतिनिधि तथा जलापूर्ति संचालन की जवाबदेही लेने वाले संचालन समिति चुप्पी साधे हुए हैं, इससे ग्रामीणो में भारी आक्रोश व्याप्त है . लगभग नौ करोड़ की लागत से बनी कुड़ू ग्रामीण जलापूर्ति योजना का संचालन पूर्व में कुड़ू ग्राम पेयजल तथा स्वच्छता समिति कर रही थी .
पेयजलापूर्ति के कनेक्शनधारियों से प्रतिमाह राजस्व वसूली करनेवाला मासिक शुल्क वसूली के बाद कुड़ू पंचायत की जलसहिया के पास जमा होता था. इसी से काम करनेवाले दो मजदूरों का मजदुरी भुगतान तथा मेंटनेंस का काम होता था . लेकिन अक्तूबर माह से कुड़ू पंचायत के चयनित जनप्रतिनिधियों मुखिया , पंचायत समिति सदस्य तथा कुछ वार्ड सदस्यों ने जलापूर्ति को अपने हाथों में ले लेते हुए नवंबर माह का कलेक्शन कराया.
कनेक्शनधारियों से लगभग नौ हजार रुपए समिति को प्राप्त हुआ लेकिन जलापूर्ति योजना में काम करने वाले दोनों मजदूरों का मानदेय भुगतान नहीं किया गया . दोनों मजदूर मानदेय भुगतान के लिए मुखिया से लेकर संचालन समिति के पास चक्कर लगाते-लगाते थक गये, लेकिन मानदेय नहीं मिला . नतीजा मजदूरों ने जलापूर्ति बंद कर दी. मजदूरों के काम बंद करने के कारण पिछले तीन माह से जलापूर्ति बंद है. जलापूर्ति बंद होने से कुड़ू पंचायत के तीन हजार , टाटी पंचायत के एक हजार तथा पंडरा पंचायत के पांच सौ ग्रामीण प्रभावित हो रहे हैं.
ग्रामीणों को जनवरी माह में पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. ग्रामीण बेहद आक्रोशित हैं. इस संबंध मे बीडीओ मनोरंजन कुमार ने बताया कि मामला जानकारी में है संचालन समिति तथा कुड़ू पंचायत के जनप्रतिनिधि से बात करते हैं किस कारण से मजदूरों का मानदेय भुगतान नहीं किया गया तथा कलेक्शन का पैसा किसके पास है.
जलापूर्ति योजना शुरू करायी जायेगी . पेयजल तथा स्वच्छता विभाग के कुड़ू अवर प्रमंडल के कनीय अभियंता सुमन खलखो ने बताया कि कुड़ू ग्रामीण जलापूर्ति योजना को शुरू कराने के लिए विभाग ने संचालन समिति तथा कुड़ू पंचायत के जनप्रतिनिधियों से बात की है. मामला किस कारण से अटका पड़ा है पता लगाने के प्रयास हो रहा है. ग्रामीणों को पेयजल के लिए परेशान नहीं होने दिया जायेगा .
Posted By : Sameer Oraon