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135 वर्ष पुराना है लोहरदगा नगर पर्षद का कार्यालय भवन, चार अंग्रेजों को मिला था अध्यक्ष बनने का अवसर

संयुक्त बिहार के सबसे पुराने नगरपालिकाओं में से एक लोहरदगा नगरपालिका (अब नगर परिषद) के लंबे इतिहास ने कई गौरवशाली सोपानों को तय किया है. एक जुलाई 1888 को इसकी स्थापना की गई थी. यहां चार अंग्रेजों को अध्यक्ष बनने का अवसर मिला था.

Lohardaga News: संयुक्त बिहार के सबसे पुराने नगरपालिकाओं में से एक लोहरदगा नगरपालिका (अब नगर परिषद) के लंबे इतिहास ने कई गौरवशाली सोपानों को तय किया है. एक जुलाई 1888 को इसकी स्थापना की गई थी. इसके प्रथम अध्यक्ष अंग्रेज अधिकारी मिस्टर एफ फॉन थे. उस समय नगरपालिका क्षेत्र चार वार्डों में विभक्त था, जो अब 22 वार्ड में फैल गया है. नगरपालिका की स्थापना लोहरदगा को सुव्यवस्थित, स्वच्छ, सुंदर तथा विकसित शहर के रूप में बसाने की परिकल्पना लेकर की गई थी.

लालटेन की रौशनी में रौशन होता था शहर

सीमित साधनों के बावजूद नगरपालिका ने यथा संभव सुविधा देने का प्रयास किया था. जब शहर में बिजली नहीं थी, तब रास्तों पर रौशनी के लिए सड़क के किनारे लगाए गए खंभो पर शाम ढलते ही केरोसिन से जलने वाला लालटेन लटकाया जाता था. वर्ष 1957 तक लगभग यही क्रम जारी रहा. सड़क की सफाई के लिए बैलगाड़ी उपयोग में लाया जाता था. बाद में बैलगाड़ी के पीछे ट्राली लगाया जाने लगा. 80 के दशक तक सफाई व्यवस्था बैलगाड़ी के सहारे होती रही. उसके बाद धीरे-धीरे सफाई व्यवस्था में बैलगाड़ी का स्थान ट्रैक्टरों व मशीनों ने ले लिया. 134 वर्ष के लंबे इतिहास में यदि कुछ नहीं बदला है तो वह नगरपालिका का कार्यालय भवन. आज भी लोहरदगा नगरपालिका अपने पुराने खपरैल भवन में अवस्थित है.

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आज भी भवन की मजबूती कई आधुनिक मकानों को चिढ़ाती है. हालांकि पुराने भवन में कमरों का अभाव है, जिसके कारण यहां कार्य निष्पादन करने में कर्मचारियों एवं आवश्यक काम से पहुंचने वाले नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इन परेशानियों को देखते हुए एमजी रोड में नए दो मंजिला नगर पालिका भवन का निर्माण कराया गया.

पिता-पुत्रों ने भी संभाली दो-दो बार अध्यक्ष पद की कुर्सी

लोहरदगा नगर पालिका के अध्यक्ष पद की कुर्सी सदैव से प्रतिष्ठा का विषय रही है. इस पद पर कई जानी मानी हस्तियां आसिन हुई हैं. एक जुलाई 1888 को स्थापित लोहरदगा नगर पालिका के अध्यक्ष पद की कुर्सी पर चार अंग्रेज भी विराजमान हुए हैं. पहले नगर पालिका अध्यक्ष के रूप में मिस्टर एफ हान ने एक जुलाई 1888 को पदभार संभाला तथा 26 जनवरी 1894 तक इस पद पर रहे. एफ हान दूसरी बार 24 सितंबर 1898 को पुन: अध्यक्ष पद पर आसिन हुए तथा तीन मई 1900 तक इस कुर्सी को संभाला. इनके बाद मिस्टर जी बेकमेन दूसरे अंग्रेज थे, जिन्होंने दो बार अध्यक्ष पद की कुर्सी पायी. पहली बार एक जून 1900 से 29 जनवरी 1906 तक तथा दूसरी बार 21 सितंबर 1908 से 25 जुलाई 1914 तक बने रहे. इसके अलावा रेवरेन्ट डब्ल्यू स्टेनवर ने 21 अप्रैल 1906 से नौ दिसबंर 1907 तक तथा मिस्टर जी कटलर ने 24 जनवरी 1930 से 28 जनवरी 1931 तक अध्यक्ष की कुर्सी संभाली.

नगर पालिका के पहले भारतीय अध्यक्ष थे बैद्यनाथ घटक

नगर पालिका के पहले भारतीय अध्यक्ष बैद्यनाथ घटक थे. जो एक जुलाई 1894 से 27 अगस्त 1894 तक इस पद पर रहे. आजादी के समय जगरनाथ प्रसाद नगर पालिका के अध्यक्ष थे. लोहरदगा नगर पालिका के अध्यक्ष पद की कुर्सी दो-दो बार पिता-पुत्रों ने भी संभाली. राय साहब बलदेव साहु 29 जनवरी 1931 से 31 मार्च 1938 तथा आजादी के बाद 12 जनवरी 1959 से तीन जुलाई 1961 तक अध्यक्ष पद पर विराजमान रहे. इनके पुत्र शिवप्रसाद साहु भी दो बार अध्यक्ष बनने का गौरव प्राप्त किया. शिवप्रसाद साहु 12 मई 1974 से पांच जुलाई 1979 तथा 24 फरवरी 1980 से 17 जून 1985 तक अध्यक्ष रहे. नगर पालिका का पहला मुस्लिम अध्यक्ष जहीरूद्दीन अहमद थे. वे चार जुलाई 1961 से 27 फरवरी 1965 तक अध्यक्ष पद पर बने रहे.

लोहरदगा नगर पालिका का अंतिम अध्यक्ष राधा रमन प्रसाद थे. श्री प्रसाद 18 जून 1985 से तीन जनवरी 1991 तक अध्यक्ष रहे. इसके बाद 27 वर्षां तक स्थानीय निकाय का चुनाव नहीं हुआ तथा लोहरदगा नगर पालिका को नगर पर्षद का दर्जा दे दिया गया. 2008 में हुए नगर पर्षद के चुनाव में शिशिर टोप्पो पहले आदिवासी अध्यक्ष बने, जिसके बाद दूसरा पावन एक्का तथा वर्तमान में अनुपमा भगत नगर परिषद अध्यक्ष के रूप में इस पद पर कार्यरत हैं.

रिपोर्ट : संजय कुमार, लोहरदगा

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