लोहरदगा जिला में नशे का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है. नशे की गिरफ्त में लोग तेजी से आ रहे हैं. इसमें नाबालिग भी पीछे नहीं है. यहां डेनटराइट, पेट्रोल, प्रतिबंधित कफ सीरप, शराब, गांजा, अफीम सहित अन्य नशीले पदार्थ लोगों को सहज उपलब्ध हो रहे हैं. नशे में शामिल लोग नशे के लिए किसी भी आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. नाबालिग तो नशे के लिए चोरी से लेकर हत्या करने में भी नहीं हिचकते हैं. शहर के मैना बागीचा इलाके में पांच अगस्त 2022 में एक सरकारी कर्मचारी की गला दबा कर हत्या कर दी गयी थी. इस घटना को नाबालिगों ने अंजाम दिया था.
हालांकि, इस मामले में पुलिस ने दो नाबालिगों को गिरफ्तार कर बाल सुधार गृह भेज दिया था. नाबालिग तेजी से नशे की चपेट में आ रहे हैं, यह चिंता का विषय है. शाम होते ही शहर बार में तब्दील हो जाता है. ठेला व खोमचा में भी सहजता से शराब उपलब्ध हो जाती है. होटलों में भी अवैध शराब की उपलब्धता सहज है. बरवाटोली, बलदेव साहू कॉलेज के पास, ढोड़ा टोली, बीआइडी, बाजार समिति, बक्सीडीपा, राणा चौक, पतरा टोली,
शंख नदी, तिवारी दूरा, ब्लॉक मोड़, पावरगंज चौक सहित अन्य इलाकों में नशे का प्रभाव स्पष्ट नजर आता है. यहां अवैध शराब और नशीले पदार्थ उपलब्ध होते हैं. नशे के कारण सामाजिक तानाबाना भी बिगड़ गया है. आये दिन मारपीट की घटनाएं होती रहती हैं. ग्रामीण इलाकों की भी लगभग स्थिति ऐसी ही है.
नशे के खिलाफ समय -समय पर पुलिस छापेमारी भी करती है, लेकिन नशे के कारोबारी काफी शातिर होते हैं. पुलिस की छापामारी की जानकारी उन्हें पहले ही लग जाती है. अभी पुलिस की छापेमारी में अवैध शराब बेचने वाले होटल वालों को गिरफ्तार किया गया था. गांजा बेचने वाले तीन लोगों को भी शहर के विभिन्न क्षेत्रों से पकड़ा गया था. शहरी क्षेत्र की कुछ दवा दुकानों में भी प्रतिबंधित कफ सीरप अवैध रूप से बेचने की शिकायत मिलती रहती है.
इस संबंध में चिकित्सक डॉ शैलेश कुमार का कहना है कि नशा चाहे कोई भी हो, वह खराब होता है. नशा अच्छे -बुरे की समझ को समाप्त कर देता है. यह बीमारियों को आमंत्रित करता है. नशे की गिरफ्त में आने के बाद इंसान संवेदना शून्य हो जाता है. हर हाल में नशे से दूर रहना चाहिए.