Jharkhand News, रांची न्यूज (मनोज सिंह) : झारखंड के लोहरदगा जिले के किस्को प्रखंड के आसपास वन विभाग को बाघ आने के संकेत मिले हैं. प्रखंड के महुआपाट गांव के ग्रामीणों के अनुसार, एक माह से बाघ इन क्षेत्रों में आतंक मचाये हुए है. इस अवधि में बाघ ने छह से अधिक पशुओं को मार डाला. कई बार उन्होंने बाघ को देखा है. वन विभाग के मुख्यालय ने अधिकारियों को इस पर नजर रखने का निर्देश दिया है. इसके लिए आसपास के इलाके में ट्रैप कैमरा लगाया गया है.
वन विभाग को इसी इलाके में बाघ के पग मार्क (पैरों के निशान) भी मिले हैं. इसको प्लास्टर ऑफ पेरिस का ढांचा बना कर सैंपल के रूप में रखा गया है. वन विभाग ने ग्रामीणों से पूछा कि जिसे आप बाघ समझ रहे हैं, कहीं वह तेंदुआ तो नहीं. इस पर ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने बाघ ही देखा है. बाघ के शरीर पर धारी का निशान होता है, जबकि तेंदुआ के शरीर पर गोलाकार निशान होता है. वन विभाग के मुख्यालय ने अधिकारियों को इस पर नजर रखने का निर्देश दिया है. इसके लिए आसपास के इलाके में ट्रैप कैमरा लगाया गया है.
21 मई को लोहरदगा जिले के महुआपाट जंगल में तीन जानवर मृत मिले थे. वहां बाघ के पैरों के निशान दिखा था. इसको सुरक्षित रखा गया है. 25 जून को एक बैल मृत मिला था. उसके शरीर के पिछले हिस्से पर गहरे घाव का निशान मिला था. अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण कहीं पग मार्क नहीं दिखा.
झारखंड में बाघों की गिनती वर्ष 2022 में होनी है. बाघों की गिनती नेशनल टाइगर फाउंडेशन अलग से कराता है. इसके लिए राज्य के संबंधित अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा. प्राथमिक मीटिंग हो चुकी है.
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झारखंड के मुख्य वन्य प्रतिपालक राजीव रंजन ने कहा कि लोहरदगा के किस्को के आसपास पिछले एक माह से कुछ ऐसी गतिविधियां दिख रही हैं, जिससे बाघ होने के संकेत मिले हैं. इसकी पुष्टि करने के लिए ट्रैप कैमरा लगाया गया है. वन अधिकारियों को चौकस रहने को कहा गया है. चूंकि यह इलाका पलामू टाइगर रिजर्व से लगा है. इस कारण बाघ के होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
Posted By : Guru Swarup Mishra