Solar Eclipse 2022: मंगलवार (25 अक्टूबर 2022) को भारत में दृश्य मान प्रथम और अंतिम आंशिक (खंडग्रास) सूर्यग्रहण लगा. लोहरदगा में भास्कर एस्ट्रो एसोसिएशन द्वारा पूर्व की तरह इस बार भी ग्रहण दिखाने की विशेष व्यवस्था एसोसिएशन के सचिव वैद्यनाथ मिश्र के निवास स्थान पर की गई थी. सूची छिद्र कैमरा और छोटे बॉल पर चिपकाए हुए दर्पण से प्राप्त प्रतिबिंब में ग्रहण स्पष्ट रूप से देखा गया. सूर्य ग्रहण के संबंध में एसोसिएशन के सचिव वैद्यनाथ मिश्र द्वारा बताया गया कि सूर्य ग्रहण अमावस्या को तथा चंद्र ग्रहण पूर्णिमा को लगता है. वर्ष में ऐसे कुल 7 ग्रहण लगते हैं.
इनकी रही सक्रिय भूमिका
सूर्य ग्रहण देखने के लिए विशेष रूप से बनाए गए चश्मों के द्वारा भी ग्रहण दिखाया गया. ग्रहण देखने का आनंद छात्र-छात्राओं, पुरुष एवं महिलाओं द्वारा उत्साहपूर्वक लिया गया. सूची क्षेत्र कैमरा बनाने वालों पर दर्पण चिपकाने एवं अन्य तैयारी में डीएवी स्कूल के नवम वर्ग के छात्र ओम आनंद मिश्र की सक्रिय भूमिका रही.
Also Read: झारखंड में तस्कर तेल टैंकर में ठूंस-ठूंस कर ले जा रहे थे 23 पशु, 2 की मौत, पुलिस ने ऐसे किया जब्त
वर्ष में लगते हैं 7 ग्रहण
सूर्य ग्रहण के संबंध में एसोसिएशन के सचिव वैद्यनाथ मिश्र द्वारा बताया गया कि सूर्य ग्रहण अमावस्या को तथा चंद्र ग्रहण पूर्णिमा को लगता है. वर्ष में ऐसे कुल 7 ग्रहण लगते हैं. जिसमें चार ग्रहण सूर्य के होते हैं और तीन ग्रहण चंद्रमा के, लेकिन सभी ग्रहण सभी स्थानों से दिखाई नहीं पड़ते. सूर्य ग्रहण उसी अमावस्या को लगता है, जब चंद्रमा भी क्रांति वृत्त पर या उसके अत्यंत नजदीक होता है.
भास्कर एस्ट्रो एसोसिएशन के सचिव ने दी जानकारी
भास्कर एस्ट्रो एसोसिएशन के सचिव वैद्यनाथ मिश्र ने कहा कि वास्तव में उसी अमावस्या को ग्रहण संभव है जब सूर्य और राहु के कोणात्मक दूरी का अंतर 15 डिग्री से कम हो. इसी प्रकार जब जिस पूर्णिमा को सूर्य और राहु की कोणात्मक दूरियों का अंतर 9 डिग्री से कम होने पर पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण संभव होताहै. राहु-केतु छाया ग्रह है. आज के कार्यक्रम में शिक्षक नंदकिशोर नाथ मिश्र, देवव्रत मिश्र, उदय कुमार, अभिषेक मिश्र, अनुश्रुति, अनुपमा, आराध्या, अनीता देवी, अर्चना देवी, श्रद्धा दवी, स्वरा, भव्या, भोला साहू, पीहू साहू, फूलदेव उरांव आदि लोगों ने ग्रहण देखा.
रिपोर्ट : गोपी कुंवर, लोहरदगा