Lucknow: मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम पर बनी ‘आदिपुरुष’ फिल्म को लेकर यूपी में विरोध तेज होता जा रहा है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, पार्टी महासचिव शिवपाल यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसे लेकर जहां कटाक्ष किया है, वहीं भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) ने लखनऊ में सोमवार को आदिपुरुष के डायरेक्टर और डायलॉग लेखक मनोज मुंतशिर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. संगठन ने फिल्म का प्रदर्शन सभी सिनेमाघरों में तत्काल रोकने की मांग की.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को फिल्म आदिपुरुष को लेकर लेकर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि जो राजनीतिक आकाओं के पैसों से, एजेंडे वाली मनमानी फिल्में बनाकर लोगों की आस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं, उनकी फिल्मों को सेंसरबोर्ड का प्रमाणपत्र देने से पहले, उनके ‘राजनीतिक-चरित्र’ का प्रमाणपत्र देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि क्या सेंसरबोर्ड धृतराष्ट्र बन गया है?
सपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि सस्ते व सतही संवाद वाले सिनेमा के जरिए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम व उनकी कथा के विराट व प्रेरक चरित्रों को संकुचित करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि करोड़ों आस्थावान सनातनी आहत हैं, इस कृत्य के लिए तथाकथित सनातनी भाजपाई देश से माफी मांगे. ये काम ना करो, राम का नाम बदनाम ना करो!
राजधानी लखनऊ में सोमवार को आदिपुरुष के डायरेक्टर और डायलॉग लेखक मनोज मुंतशिर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया. भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) ने फिल्म का प्रदर्शन सभी सिनेमाघरों में तत्काल रोकने की मांग की.
भाकियू (अराजनैतिक) के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी हरिनाम सिंह ने कहा कि रामायण हिंदू धर्म का सबसे आस्थापूर्ण ग्रंथ हैं, जिससे सभी की भावनाएं और आस्था जुड़ी हुई है. फिल्म के डायलॉग लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला और निर्देशक ओम राउत ने ये कहकर प्रचार किया कि वह रामायण पर फिल्म आदिपुरुष बना रहे हैं.
चौधरी हरिनाम सिंह ने कहा कि फिल्म आदिपुरुष का सभी इंतजार कर रहे थे. लेकिन, रिलीज के बाद पता चला कि इसमें हमारे आराध्य भगवान राम, माता सीता और भगवान बजरंग बली को पूरी तरह से अपमानित किया गया है. इसके डायलॉग में बजरंग बली के मुख से निम्न स्तर की भाषा इस्तेमाल की गई है. इसके साथ ही उनको अपमानित किया गया है.
उन्होंने सभी सिनेमाघरों में फिल्म का प्रदर्शन रोके जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो भाकियू देश भर में प्रदर्शन को बाध्य होगा. आदिपुरुष के विरोध में भारतीय किसान यूनियन ने हजरतगंज कोतवाली में ज्ञापन भी दिया.
इससे पहले सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिल्म को लेकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आदिपुरुष फिल्म में रामायण के सभी पात्र जैसे मर्यादा पुरुषोत्तम राम, प्रकांड महारथी व विद्वान रावण, आज्ञाकारी भाई लक्ष्मण एवं आज्ञाकारी भक्त, सेवक व राजदूत हनुमान के माध्यम से मनोज मुंतशिर एवं ओम राऊत ने अमर्यादित स्तरहीन गुंडे, मवाली व टपोरियों की भाषा बोलवाकर उपहास उड़ाया है.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से मर्यादा गिराई गई है क्या इससे हिंदू धर्म के ठेकेदारों व सनातन धर्म का अपमान नहीं हुआ? यदि हुआ तो आतंकवादी भाषा बोलने साधु-संत व धर्म के ठेकेदार किस चूहें के बिल में घुस गए हैं, जो कल तक मेरी हत्या करने, धड़ से सिर अलग करने, तलवार से सिर काटने, जीभ काटने, नाक-कान व हाथ काटने के लिए उतावले हो गए थे. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की बोलती आज बंद क्यों है? इसलिए न की मनोज मुंतशिर और ओम राऊत ऊंची जाती के हैं.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैंने तो किसी धर्म, आराध्य पर कोई टिप्पणी भी नहीं की थी. हमने तो मानस की मात्र उन चौपाइयों के अंश को संशोधित व प्रतिबंधित करने की मांग की थी जिसमें तुलसीदास जातीय कुंठा से ग्रसित नजर आए थे, जिसमें शूद्र वर्ण में आने वाली जातियों और देश की समस्त महिलाओ को मारने-पीटने, प्रताड़ित करने, नीच व अधम कहने, नीच से भी नीच करार करने तथा अपमानित करने की बात कही गई थी. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि उन्होंने सिर्फ ऐसी चौपाइयों से मुक्ति दिलाकर इन लोगों के सम्मान का रास्ता प्रशस्त करने की बात की थी.