AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी सरकार की जनसंख्या नीति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वर्ष 2020 में मोदी सरकार ने शपथपत्र के जरिये कहा था कि जन्मदर में कमी की वजह से दो बच्चों की नीति नहीं बनायी जा सकती है, ऐसे में योगी सरकार कैसे इसके विपरीत जा सकती है.
वर्ष 2000 की जनसंख्या नीति के अनुसार देश में जन्मदर में 3.2 प्रतिशत से 2.2 प्रतिशत हो गया है वो भी बिना किसी प्रयास के. ऐसे में यूपी सरकार की जनसंख्या नीति समझ से परे है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने कहा था कि विश्व में जहां भी जनसंख्या नियंत्रण के लिए माॅडल विकसित किये गये उसके खतरनाक परिणाम देखने को मिले हैं, चीन इसका सबसे बड़ा उदाहरण है.
गौरतलब है कि यूपी के विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी अपना भाग्य आजमा रहे हैं और उन्होंने तो योगी आदित्यनाथ को खुली चुनौती भी दे दी थी कि वे अगली बार प्रदेश के सीएम नहीं बन सकते हैं, हालांकि बाद में वे इस बात से पलट गये और कहा कि वे विपक्ष में हैं और उनका काम ही है सत्ता पक्ष को चुनाव जीतने से रोकना.
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए जो मसौदा तैयार किया हैं उसमें यह प्रावधान है कि जिनके दो से अधिक बच्चे होंगे वे स्थानीय चुनाव नहीं लड़ पायेंगे और ना ही नौकरी में प्रमोशन की डिमांड कर पायेंगे.
अगर यह कानून विधायकों पर भी लागू हो जाये तो भाजपा के आधे से अधिक विधायक चुनाव नहीं लड़ पायेंगे क्योंकि सबके दो से अधिक बच्चे हैं. यूपी में तैयार किये गये जनसंख्या नियंत्रण मसौदे को राजनीति से प्रेरित बताया जा रहा है और इसका विरोध भी हो रहा है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जनसंख्या पर नियंत्रण कानून बनाने से संभव नहीं है इसके लिए महिलाओं को जागरूक करना होगा तभी कुछ अंतर पड़ेगा, वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैंने वर्षों पहले यह बात कही थी इन्हें आज समझ आ रही है.
Posted By : Rajneesh Anand