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Air Pollution: दुनिया के 100 प्रदूषित शहरों में यूपी के 22 जिलों के नाम, नोएडा-हापुड़ और मेरठ का सबसे बुरा हाल

Air Pollution: दुनिया के टॉप 100 प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के कई शहर शामिल हैं. यूपी के नोएडा की स्थिति बेकाबू हो रही है, ये शहर 6वें स्थान पर है. यहां का AQI 499 है. वहीं 47वें, 48वें और 49वें स्थान पर शाहजहांपुर, बदायूं और पीलीभीत है. इन तीनों जिलों का AQI 277 है.

Air Pollution: उत्तर प्रदेश में बढ़ता प्रदूषण अब चिंता का विषय बन गया है. तमाम कोशिशों और दावों के बावजूद इसमें प्रतिदिन इजाफा हो रहा है. हालत ये है कि सुबह के वक्त प्रदूषण के कारण लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है. दुनिया के शहरों की हवा में प्रदूषण की जांच करने वाली स्विस एजेंसी (IQ) एयर ने बुधवार सुबह वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट जारी की है. इसमें 100 देशों का डाटा 60000 से अधिक ग्राउंड बेस मॉनिटरों से लिया गया. इस रिपोर्ट में दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित 100 शहरों में बरेली 50वें स्थान पर है. इसमें उत्तर प्रदेश के 22 जिले हैं. इस रिपोर्ट में पीलीभीत, बदायूं और शाहजहांपुर भी शामिल हैं, जो काफी चिंताजनक है. मगर, जिम्मेदार बिलकुल भी गंभीर नहीं. हालांकि,अब तक देश की राजधानी दिल्ली दुनिया की सबसे ज्यादा प्रदूषित राजधानी थी. इसके AQI में सुधार आया है. मगर, बुधवार को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर हरियाणा का भिवाड़ी है. यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 585 है. यूपी का गाजियाबाद दुनिया के प्रदूषित शहरों में दूसरे स्थान पर है. गाजियाबाद का AQI 555 है. बरेली की हवा भी जहरीली हो गई है. यहां का AQI बुधवार सुबह 11 बजे 270 था, जो बेहद खराब स्थिति में है. शहर के सिविल लाइंस की हवा सबसे अधिक खराब हैं. यहां का AQI 220 राजेंद्र नगर का 214 और सुभाष नगर का 190 है.

यूपी के कई शहरों में प्रदूषण जानलेवा

दुनिया के टॉप 100 प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के कई शहर शामिल हैं. इसमें 47वें, 48वें, और 49वें स्थान पर शाहजहांपुर, बदायूं और पीलीभीत है. इन तीनों जिलों का AQI 277 है. यूपी का नोएडा 6वें स्थान पर है. यहां का AQI 499 है. 10वें स्थान पर हापुड़ का AQI 454, 11वें स्थान पर मेरठ का 444, 20वें स्थान पर सहारनपुर का 335, 25वें स्थान पर बुलंदशहर का 319, 26वें स्थान पर कैराना का 312, 37वें स्थान पर मुजफ्फरनगर का 300, 46 वें स्थान पर फिरोजाबाद का AQI 277 है. वहीं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ 52वें स्थान पर है. यहां का 274 AQI है. 62वें स्थान पर संभल का 260, 80वें स्थान पर फैजाबाद का 223, 81वें स्थान पर कानपुर, 85वें स्थान पर इटावा का 223 AQI है.

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बरेली में धूल और धुएं ने बढ़ाया प्रदूषण

बरेली में काफी दिनों से कुतुबखाना ओवरब्रिज का निर्माण चल रहा है. इससे धूल उड़ रही है. यहां का एक्यूआई मंगलवार रात 282 तक पहुंच गया था. शहर का AQI धूल, और धुएं से बढ़ा है. इसके साथ ही वाहनों का जाम भी लोगों के लिए मुसीबत बन गया है. इंसान को जिंदगी जीने के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की जरूरत होती है. इसकी कमी से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगता है. सांस लेने वाली हवा का ऑक्सीजन स्तर 19.5 प्रतिशत ऑक्सीजन होना चाहिए. इसके नीचे ऑक्सीजन जाने से नुकसान होता है.

डॉक्टर बोले- एन-95 मास्क लगाकर निकलें घर से 

एक्यूआई बढ़ने से बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर काफी असर पड़ रहा है. ऐसे में घरों से निकलने में एहतियात बरतने की जरूरत है. लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है.डॉक्टर एन-95 मास्क लगाकर घर से निकलने की सलाह दे रहे हैं. क्योंकि, बरेली में सांस के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है.

बरेली का AQI बेहद खराब स्थिति में

0 से 50 AQI है, तो यह बहुत अच्छी बात है.इससे सेहत पर कम असर होता है. 51-100 AQI भी ठीक है. लेकिन, संवेदनशील लोगों को सांस की हल्की दिक्कत हो सकती है.101 के बाद ठीक नहीं है.101 से 200 AQI से फेफड़ा, दिल और अस्थमा मरीजों को सांस में दिक्कत होती है. 201-300 AQI काफी खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर किसी को भी सांस में दिक्कत होना तय है. 301-400 AQI बहुत खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर सांस की बीमारी का खतरा होता है. 401-500 AQI सबसे अधिक खतरनाक है.इंसान की सेहत पर सबसे अधिक खराब होती है.

वायु प्रदूषण संबंधी बीमारियां

वायु प्रदूषण का सबसे अधिक असर हमारे फेफड़ों पर होता है. दरअसल, प्रदूषित कणों से इंसान के फेफड़ों में जाने वाली नली को नुकसान पहुंचता है, जिसके चलते नली पतली होती चली जाती है. इसका असर फेफड़े और इसके आस-पास की मांसपेशियों पर पड़ता है. वायु प्रदूषण से स्वस्थ व्यक्तियों में भी अस्थमा जैसी बीमारियां घर कर सकती है. इसके अलावा निमोनिया, दमा और लंग कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां भी वायु प्रदूषण से होती है.

किडनी संबंधी बीमारी

डॉक्टरों के मुताबिक, वायु प्रदूषण के कारण नेफ्रोपैथी नामक बीमारी भी घर कर सकती है. इसका सीधा संबंध किडनी से होता. इसके अलावा प्रदूषित वायु में पाए जाने वाले कार्बन से किडनी डैमेज का भी खतरा बन जाता है.

दिल पर भी वार करते हैं प्रदूषित कण

स्वस्थ व्यक्तियों के लिए सबसे जरूरी ऑर्गन हार्ट होता है और वायु प्रदूषण फेफड़ों और किडनी के अलावा दिल पर भी वार करता है. वायु प्रदूषण से दिल की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. ऐसे में वायु प्रदूषण में इजाफा के चलते धड़कनों का असंतुलित होना, हार्ट फेल होना और हाइपरटेंशन जैसी जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं.इन समस्याओं के लक्षण शरीर पर दिखाई देने लग जाते हैं.

दिमाग पर भी पड़ता है असर

प्रदूषित हवा का असर हमारे दिमाग पर भी पड़ता है. डॉक्टरों के मुताबिक उम्रदराज लोगों और बुजुर्गों के मस्तिष्क पर प्रदूषित के कण हमला करते है. इससे उन्हें बोलने के लिए संघर्ष करना पड़ता है और आसान गणित के सवालों को सुलझाने में भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

प्रदूषित हवा का प्रेग्नेंसी में असर

दूषित हवा और प्रदूषण गर्भवती महिलाओं को भी अपने निशाने पर लेता है. जहरीली सांस लेने का असर गर्भ पर भी होता है. इससे प्री-मेच्योर डिलीवरी का खतरा बन जाता है. इसके अलावा जन्म के समय बच्चे का वजन कम रह सकता है, जिससे कुपोषण जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती है.

त्वचा की दुश्मन प्रदूषित हवा

इंसान की त्वचा में रूखापन, जलन, रेडनेस और एक्ज़िमा जैसी तकलीफें आपको हो रही हैं, तो समझ जाए कि वायु प्रदूषण आपकी त्वचा पर वार कर रहा है. प्रदूषित हवा में मौजूद कणों की वजह से त्वचा काफी प्रभावित हो सकती है.

कैंसर का भी कारण हो सकता है वायु प्रदूषण

वायु प्रदूषण, सेकेंड हैंड स्मोक, रेडान, अल्ट्रावायलेट रेडिएशन, एस्बेस्टस के अलावा, कुछ केमिकल समेत अन्य प्रदूषक तत्वों के संपर्क में आने से कैंसर का भी खतरा हो सकता है. यह कैंसर जानलेवा साहित हो सकता है.

प्रदूषण से बचाव के तरीके

डॉक्टरों का मानना है कि अगर आपको वायु प्रदूषण से बचाव करना है, तो मास्क का उपयोग करना होगा. इसके अलावा पर्याप्त पानी पीना और बेवजह बाहर घूमने से भी बचना पड़ेगा. इन सब उपायों के बाद ही वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों पर काबू पाया जा सकता है. इसके अलावा अगर घर के अंदर वायु प्रदूषण को रोकना है, तो आपको किचन के अंदर चिमनी और वाशरूम में एग्जास्ट फैन का इस्तमाल करना होगा, जिससे घर में पर्याप्त मात्रा में वेंटिलेशन होता रहे.

रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद

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