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स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंकने वाला आकाश करता है पूजा- पाठ , तिलक का अपमान नागवार लगा, जानें पूरा मामला..

आरोपी आकाश का कहना है कि रामचरित मानस पर टिप्पणी और बैनर पर समाज के नेता का नाम नीचे होना उसे नागवार गुजरा था. वहीं उसके भाई की शिकायत है कि सपाइयों ने आकाश की चोटी और तिलक को लेकर अपमानजनक बात कही थी. इसी का बदला उसने लिया.

लखनऊ. इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में पिछड़ा वर्ग महासम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे सपा महासचिव और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर वकील के भेष में आकर जूता फेंकने वाले युवक लखनऊ निवासी आकाश सैनी ने ” बदला ” लेने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया था. हालांकि, जूता स्वामी प्रसाद को नहीं लगा लेकिन घटना से गुस्साए स्वामी प्रसाद के समर्थकों ने युवक को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा था. पुलिस किसी तरह उसे बचाकर थाने ले गई थी. सपा नेतृत्व ने इसे भाजपा नेताओं की साजिश बताते हुए पिछड़े समाज के लोगों को इससे सावधान रहने की सलाह दी है. इस घटना को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि दलितों और पिछड़ों के हक की बात करने के कारण धर्म के ठेकेदार उन्हें मारने की सुपारी दे रहे हैं. लेकिन, वह इससे डरने वाले नहीं हैं. स्वामी प्रसाद ने कहा कि उनके साथ जो घटना हुई वह बीजेपी से जुड़े एक बड़े वकील के जूनियर ने की है. लेकिन, हमारे कार्यकर्ताओं ने उनका कोट भी फाड़ दिया.

इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में  हुई यह घटना

पिछड़े समाज में जन्मे महापुरुषों के विचारों की प्रासंगिकता पर सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एक भव्य सम्मेलन का आयोजन किया गया था. दोपहर करीब साढ़े 12 बजे स्वामी प्रसाद मौर्य सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से पहले कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे. वह हॉल में प्रवेश करने ही वाले थे कि अचानक आकाश सैनी सामने आया और उन पर जूता फेंक दिया. इस हमले में वह बाल-बाल बच गये. जूता फेंकने वाले युवक आकाश सैनी का कहना है कि वह रामचरित मानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी से नाराज हैं. कार्यक्रम स्थल पर लगे पोस्टर-बैनर में स्वामी प्रसाद मौर्य के नीचे उनके समाज के नेता राम अवतार सिंह सैनी का नाम था, जो उसे नागवार गुजरा. तभी उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंक दिया.

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जूता फेंकने पर शांतिभंग की कार्रवाई, फायरिंग में जा चुका है जेल

स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंकने वाला आकाश सैनी सैरपुर इलाके का रहने वाला है. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर उसके खिलाफ शांतिभंग की कार्रवाई की. फायरिंग के मामले में पिछले साल उसे जेल भी भेजा गया था. वह मंदिर में रहकर पूजा-पाठ करते हैं. पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से स्वामी प्रसाद रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान देते थे. हिंदू धर्म का अपमान करते थे. इसीलिए वह नाराज था. इसलिए उसने घटना को अंजाम दिया. पुलिस जांच में पता चला कि सितंबर 2022 में उसने अपनी लाइसेंसी राइफल से हवाई फायरिंग की थी. वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

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स्वामी प्रसाद पर हमला करने वाले के भाई ने थाने में तहरीर दी है

पूर्व मंत्री और सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंकने वाले आकाश सैनी के भाई विकास ने देर रात विभूतिखंड थाने में शिकायत दर्ज कराई. आरोप लगाया कि उसका भाई वकील है. आकाश अपने साथियों के साथ सोमवार दोपहर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने गए थे. आकाश को चोटी और तिलक लगाया गया. उन्हें देखकर सपा कार्यकर्ताओं ने टिप्पणी की. इसका आकाश ने विरोध किया. आरोप है कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इसी बीच स्वामी प्रसाद मौर्य आ गये. वहां शोर के बारे में पूछताछ की. हंगामे के बीच स्वामी प्रसाद मौर्य के 40-50 समर्थकों ने उन पर हमला बोल दिया. जिसमें आकाश गंभीर रूप से घायल हो गया. उसका सिर फट गया. आकाश के भाई की तहरीर पर पुलिस जांच की बात कह रही है.

बीजेपी की साजिश से सावधान रहने की जरूरत है

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश में हो रही ऐसी घटनाओं को बीजेपी की साजिश करार दिया है. स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंकने की घटना पर उन्होंने कहा कि पता नहीं बीजेपी उनसे इतनी डरती क्यों है. इस घटना में शामिल युवक की हालत देखकर समाजवादी एंबुलेंस ले गई होगी. अखिलेश ने कहा कि हमारे ही सैनी समाज के एक युवक को धोखा देकर स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंक दिया गया.सपा अध्यक्ष ने कहा कि इसी तरह घोसी में स्याही फेंकने के लिए भाजपा के लोगों ने यादव समाज के युवाओं का इस्तेमाल किया. स्याही फेंकने वाले युवक ने खुद बताया कि ये काम बीजेपी के लोगों ने किया है. कन्नौज में एक मुस्लिम व्यक्ति को बहला-फुसलाकर इस घटना को अंजाम दिया गया. साजिश का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिन लोगों पर स्याही फेंकी गई, उन्होंने आधे घंटे में कपड़े बदले और फिर से प्रचार के लिए आ गए. उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग जान गये हैं कि उन्होंने जो धोखा दिया है उसका हिसाब जनता वर्ष 2022 के चुनाव में 2024 में देगी. इसलिए इस तरह की साजिश रची जा रही है, लेकिन हमें इससे सावधान रहने की जरूरत है.

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