19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लोकसभा चुनाव: धार्मिक पिच पर नहीं खेलेगी सपा, अखिलेश यादव ने ज्ञानवापी जैसे मुद्दों से दूर रहने की दी हिदायत

समाजवादी पार्टी भाजपा की सियासी पिच पर खेलकर किसी तरह का जोखिम उठाना नहीं चाहती. स्थिति के हिसाब से अखिलेश यादव ही अपनी राय जाहिर करते रहेंगे. उन्होंने कहा है कि हमें भाजपा के झूठ और कमियों को जनता के सामने रखना है. इसी फोकस के साथ अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी करनी है.

Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ज्ञानवापी मामले में दिए बयान की जहां पूरे देश में चर्चा हो रही है, वहीं इसके बाद भाजपा के तमाम बड़े नेता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े विहिप और अन्य संगठन इसके समर्थन में बयान देने में जुट गए हैं.

इसे भाजपा की लोकसभा चुनाव की रणनति का अहम हिस्सा माना जा रहा है. भाजपा एक बार फिर अपने धार्मिक एजेंडे को धार देने में जुट गई है. ऐसे में सत्तापक्ष के चक्रव्यूह में फंसने से बचने के लिए समाजवादी पार्टी ने इन मुद्दों से किनारा करने का निर्णय किया है.

धार्मिक मुद्दों पर बयानबाजी से बचने की सलाह

पार्टी धार्मिक मुद्दों पर सीधे तौर पर बयानबाजी या कोई भी ऐसी टिप्पणी करने से बचेगी, जिसे मुद्दा बनाकर भाजपा सियासी लाभ लेने की कोशिश करे. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि उनके प्रवक्ता ज्ञानवापी जैसे डिबेट में हिस्सा नहीं लेंगे. उन्होंने अपने नेताओं को धार्मिक मसलों पर बहस से दूर रहने की हिदायत दी है.

यानी समचार चैनलों में अगर ज्ञानवापी मस्जिद पर डिबेट हुआ तो समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता उसमें नहीं जायेंगे. अखिलेश यादव नहीं चाहते हैं कि धार्मिक मसलों पर बहस का किसी भी तरह से जाने-अनजाने में भाजपा को लाभ मिल सके. ये तय हुआ है कि जिन मुद्दों से धार्मिक भावनाएं भड़क सकती हैं, उन पर होने वाली किसी भी बहस का पार्टी के प्रवक्ता बॉयकॉट करेंगे.

Also Read: Hanumant Dham Mandir: 400 वर्ष प्राचीन है लखनऊ का ये मंदिर, सवा लाख विग्रह बनाते हैं बेहद खास, देखें तस्वीरें
राम मंदिर मुद्दे पर माहौल बनाने में जुट जाएगी भाजपा

दरअसल इस साल के अंत तक अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का माहौल बनने लगेगा. जनवरी 2024 तक भाजपा इस मुद्दे को पूरे देश में अलग रंग देने में जुट गई है. संघ के संगठन भी इसके लिए काम करने में जुट गए हैं. न सिर्फ उत्तर भारत बल्कि दक्षिण भारत और प्रवासी भारतीयों के बीच भी राम मंदिर का निर्माण होना अहम मुद्दा होगा. इस बीच ज्ञानवापी और यूसीसी जैसे मुद्दों को तात्कालीक परिस्थितियों के मुताबिक हवा दी जाती रहेगी.

ऐसे में समाजवादी पार्टी भाजपा की सियासी पिच पर खेलकर किसी तरह का जोखिम उठाना नहीं चाहती. स्थिति के हिसाब से अखिलेश यादव ही अपनी राय जाहिर करते रहेंगे. उन्होंने कहा है कि हमें भाजपा के झूठ और कमियों को जनता के सामने रखना है. इसी फोकस के साथ अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी करनी है.

सपा प्रवक्ताओं को दिए गए टिप्स

इससे पहले वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान के बाद समाजवादी पार्टी ने अपने प्रवक्ताओं की अहम बैठक बुलाई थी. इस अवसर पर सांसद डिम्पल यादव भी मौजूद थीं. इस बैठक में मीडिया पैनलिस्ट को भी बुलाया गया था. इसमें सोशल मीडिया के कुछ विशेषज्ञ, बुद्धिजीवियों और यूपी में ब्यूरोक्रेसी के कुछ रिटायर्ड अफसरों को भी बुलाया गया था.

बताया जा रहा है कि सभी ने मिलकर प्रवक्ताओं को टिप्स दिए. मीटिंग शुरू होने के बाद एक वीडियो दिखाया गया. ये वीडियो उन प्रवक्ताओं पर बना था जो डिबेट में अच्छा बोलते हैं. न्यूज चैनल में होने वाली बहस के क्लिप दिखाए गए. समाजवादी पार्टी कुछ चर्चित प्रवक्ता दिखाए गए वीडियो से गायब रहे.

सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान पर हुई चर्चा

कहा जा रहा है कि प्रवक्ताओं की मीटिंग में सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ताजा बयान पर चर्चा हुई. इस बयान में सीएम ने ज्ञानवापी को मस्जिद कहना ठीक नहीं होने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि वहां त्रिशूल और हिंदू देवी देवता मिले हैं. इसीलिए वो मस्जिद नहीं हो सकती है.

इस पर अखिलेश यादव ने अपने नेताओं से कहा कि ऐसे मामलों पर वे अब डिबेट में नहीं जायेंगे. इन मुद्दों पर बोलने से भाजपा को फायदा होता है. भाजपा इसके जरिए मंहगाई, गरीबी, बेरोजगारी और जातिगत जनगणना जैसे जरूरी मुद्दों से ध्यान हटाती है. हमें अपने एजेंडे पर बने रहना है. रोज बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार और अत्याचार की कहानी बतानी है.

राम मंदिर पर अखिलेश यादव पार्टी की रणनीति करेंगे तय

बैठक में कहा गया कि अगले साल जनवरी महीने में राम मंदिर का उद्घाटन होगा. नवंबर से ही भाजपा माहौल बनाना शुरू कर देगी. इसे लेकर न्यूज चैनलों पर स्टूडियो से लेकर अयोध्या तक डिबेट की जाएगी. ऐसे में समाजवादी पार्टी का रुख तय करना अभी से जरूरी है. प्रवक्ता पवन पांडेय के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राम मंदिर के मामले पर स्वयं फैसला करने की बात कही है, जिसकी जानकारी वह बाद में सभी को देंगे, उसके आधार पर पार्टी की लाइन तय होगी.

रिसर्च और कंटेंट के लिए बनाई जाएगी टीम

इसके साथ ही समाजवादी पार्टी के प्रवक्ताओं की बैठक में तय हुआ कि रिसर्च और कंटेंट के लिए एक टीम बनाई जाएगी. जिसमें कई एक्सपर्ट शामिल रहेंगे. जिस टॉपिक पर डिबेट होगा उससे जुड़ी हर जानकारी से टीम प्रवक्ताओं को देगी.

इसी महीने टेलीग्राम एप पर एक ग्रुप बनाया जाएगा, जिसमें अखिलेश यादव से लेकर मीडिया पैनलिस्ट जुड़े रहेंगे. हर लोकसभा क्षेत्र का भी अलग से एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनेगा. इसमें उस इलाक़े के नेता, कार्यकर्ता के साथ साथ कंटेंट टीम के लोग और प्रवक्ता भी जुड़े रहेंगे.

पार्टी प्रवक्ताओं को शालीन व्यवहार करने की नसीहत

मीटिंग के दौरान एक प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा की तरह ही पार्टी के लखनऊ और दिल्ली ऑफिस से डिबेट में बैठने की व्यवस्था होनी चाहिए. अभी सब लोग अपने अपने घर या फिर ऑफिस से चैनलों की बहस में शामिल होते हैं. इस पर अखिलेश यादव ने कहा इसकी जरूरत नहीं है. वहीं एक अहम नसीहत देते हुए कहा गया कि अपनी बात मर्यादा में रह कर करें. डिबेट में दूसरी पार्टी के प्रवक्ता से अभद्र व्यवहार नहीं करें, जिससे वह इसका लाभ उठा सके.

सोशल मीडिया की बहुत अहमियत

अखिलेश यादव ने कहा कि आज सोशल मीडिया की बहुत अहमियत है. इसमें मीडिया सेल से जुड़े सभी युवाओं को सक्रिय एवं सजग रहना है. भाजपा फर्जी खबरें प्रचारित करने में माहिर है. जनता को भाजपा के कारनामों से परिचित कराना है. भाजपा के झूठ का पर्दाफाश करने में देर नहीं होनी चाहिए. जनता के सम्पर्क में रहकर भाजपा की जुमलेबाजी से उन्हें अवगत कराते रहना होगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें