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कूनो नेशनल पार्क में नौवें चीते की मौत का जिम्मेदार कौन? अखिलेश यादव बोले- भारत की ​छवि हो रही खराब

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कूनो राष्ट्रीय उद्यान में एक बार फिर चीते की मौत को लेकर सवाल उठाए हैं. वह इस मुद्दे पर काफी समय से सरकार पर हमलावर बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि एक के बाद एक चीतों की मौत से भारत की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब हो रही है.

Lucknow: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कूनो राष्ट्रीय उद्यान में नौवें चीते की मौत पर मध्य प्रदेश की शिवराज चौहान सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार से पूछा कि इस मौत के लिए कौन जिम्मेदार है.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा कि कूनो नेशनल पार्क में नौवें चीते की मौत का जिम्मेदार कौन है? अब वो सब कहां हैं? इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि खराब हो रही है, क्योंकि जहां से ये चीते आये थे उन देशों में इनके मरने की चर्चा है.

अखिलेश चीतों की मौत को बता चुके हैं प्रशासनिक हत्या

अखिलेश यादव ने इससे पहले भी कूनों में चीतों की मौत पर सवाल खड़े कर चुके हैं. उन्होंने विगत मई माह में चीतों की मौत के मामले में दंडात्मक कार्रवाई करने की मांंग की. उन्होंने इस मामले में भारतीय जनता पार्टी पर भी हमला बोला.

अखिलेश यादव ने कहा कि कूनो में तीसरे चीते की मौत दरअसल प्रशासनिक हत्या है. केवल राजनीतिक प्रदर्शन के लिए जो भाजपाई मजमा खड़ा किया था, उसका ये दायित्व भी बनता था कि विदेशी चीतों को बीमारी व आपसी संघर्ष से मुक्त सुरक्षित माहौल दे.

जानवरों पर क्रूरता का बताया मामला

सपा नेता ने कहा कि ये जानवरों पर क्रूरता का स्पष्ट मामला है, इस मामले में दंडात्मक कार्रवाई हो. महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 17 सितंबर को अपने 72वें जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के कूनो में नामीबिया से लाए गए आठ चीतों के पहले जत्थे को एक पृथक बाड़े में छोड़ा था.

इन चीतों में पांच मादा और तीन नर थे. इस तरह के दूसरे कार्यक्रम में 12 चीतों को दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था और 18 फरवरी को कूनो में छोड़ा गया था. नामीबियाई चीतों में शामिल साशा नामक चीते की मार्च में गुर्दे से संबंधित बीमारी के कारण मृत्यु हो गई थी. वहीं, दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीता उदय की 13 अप्रैल को मौत हो गई.

कूनो नेशनल पार्क में थम नहीं रहा चीतों की मौत का सिलसिला

दरअसल मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. बुधवार को यहां एक और चीते ने दम तोड़ दिया है. कूनो राष्ट्रीय उद्यान में मार्च से लेकर अब तक नौ चीतों की मौत हो चुकी है. राष्ट्रीय उद्यान में सात नर और छह मादा समेत 14 चीते रखे गए थे. प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) असीम श्रीवास्तव ने मादा चीता की मौत की पुष्टि की है. मादा चीता का नाम धात्री था.

14 चीते बताए जा रहे स्वस्थ

कूनो नेशनल पार्क की तरफ से इस संबंध में एक बयान भी जारी किया. इसमें कहा गया कि मादा चीता की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए उसके शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. बयान में आगे कहा गया कि कूनो नेशनल पार्क में रखे गए 14 चीते स्वस्थ हैं. इनें सात नर, छह मादा और एक शावक शामिल है.

अब तक कई चीतों की हो चुकी है मौत

कूनो वन्यप्राणी चिकित्सक टीम एवं नामीबियाई विशेषज्ञ के द्वारा चीतों का लगातार स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है. पिछले साल सितंबर और इस साल फरवरी में कुल 20 चीतों को नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में लाया गया था. मार्च के बाद से इनमें से छह वयस्क चीतों की विभिन्न कारणों से मौत हो चुकी है. मई में, मादा नामीबियाई चीते से पैदा हुए चार शावकों में से तीन की भी अत्यधिक गर्मी के कारण मृत्यु हो गई थी.

चीतों को फिलहाल नहीं किया जाएगा शिफ्ट

इससे पहले, केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा था कि चीते कूनो नेशनल पार्क में ही रहेंगे. उन्होंने कहा था कि हम अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों समेत विशेषज्ञों के संपर्क में हैं. हमारी टीम वहां का दौरा करेगी. चीतों को शिफ्ट नहीं किया जाएगा और वे कूनो में ही रहेंगे.

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