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लखनऊ: अलाया अपार्टमेंट की बुनियाद रखने के साथ ही मंडराने लगा था खतरा, कमिश्नर की रिपोर्ट में हादसे का सच उजागर

अलाया अपार्टमेंट: कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बिना नक्शे की उपलब्धता के आधार पर सौंपी है. इसमें माना गया है कि हादसा किसी एक वजह से नहीं हुआ, इसके कई कारण थे. अलाया अपार्टमेंट का निर्माण वर्ष 2013 में हुआ था. इसके बाद से इमारत ढहने तक भूकंप और अलग-अलग वजहों से ये धीरे-धीरे कमजोर होती गई.

Lucknow: राजधानी लखनऊ के अलाया अपार्टमेंट के गुनहगारों का सच सामने आ गया है. ये हादसा भले ही इमारत बनने के कुछ वर्षों बाद हुआ हो. लेकिन, निर्माण के दौरान ही तय हो गया था कि अपार्टमेंट की उम्र कितनी होगी. इसके बाद इसमें रहने वाले सभी लोगों की जान पर खतरा मंडराना तय था और यही हुआ.

राजधानी के वजीर हसन रोड स्थित अलाया अपार्टमेंट 24 जनवरी 2023 को भरभराकर ढह गया था. इसकी जांच के लिए लखनऊ की मंडलायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी, जिसकी रिपोर्ट में अहम खुलासे किए गए हैं. सूत्रों के मुताबिक जांच के दौरान कमेटी के सामने अलाया अपार्टमेंट से जुड़े कई सच उजागर हुए. उसे अपार्टमेंट के निर्माण की वास्तुविद संबंधी ड्राइंग और स्ट्रक्चरल डिजाइन नहीं मुहैया कराई जा सकी, जिससे इमारत की क्षमता का पता चल सके. अलाया अपार्टमेंट बनाने के दौरान हर कदम पर नियम कानूनों को ताक पर रखा गया.

कहा जा रहा है कि कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बिना नक्शे की उपलब्धता के आधार पर सौंपी है. इसमें माना गया है कि हादसा किसी एक वजह से नहीं हुआ, इसके कई कारण थे. अलाया अपार्टमेंट का निर्माण वर्ष 2013 में हुआ था. इसके बाद से इमारत ढहने तक भूकंप और अलग-अलग वजहों से ये धीरे-धीरे कमजोर होती गई. इस पर लोड बढ़ता गया और दरारें भी आने लगीं. लेकिन, इसे नजरअंदाज किया जाता रहा और आखिरकार हादसा हो गया.

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अहम बात है कि बेसमेंट में खुदाई हादसे की वजह नहीं थी. ये इतनी गहरी नहीं थी, जिससे इमारत ढह जाए. अपार्टमेंट गिरने की मुख्य वजह अत्यधिक दबाव होना था, जिसके लिए वक्त की जरूरत के मुताबिक मजबूत पिलर तैयार नहीं किए गए थे. पिलर्स की गहराई भी मानक के अनुरूप नहीं थी. उनका बेस भी मानक के अनुरूप तैयार नहीं किया गया. मानक के विपरीत और घटिया सामग्री इस्तेमाल करने की भी बात कही जा रही है. ऐसे में अपार्टमेंट की बुनियाद ही कमजोर होने के कारण उसकी उम्र 10-12 साल ही होगी, ये पहले से ही तय था.

सपा विधायक शाहिद मंजूर की गिरफ्तारी पर रोक

इस बीच इस मामले में समाजवादी पार्टी के विधायक शाहिद मंजूर को बड़ी राहत मिली है. इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने सपा विधायक को राहत देते हुए को उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. वहीं इस मामले में पीठ ने राज्य सरकार से भी जवाब मांगा है. याची के अधिवक्ता अरुण सिन्हा और प्रांशु अग्रवाल कोर्ट में तर्क दिया कि इस पूरे मामले से मंजूर का कोई संबंध नहीं है. उन्हें राजनीतिक कारणों से मामले में घसीटा जा रहा है. इस मामले में हजरतगंज कोतवाली क्षेत्र में विधायक शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश, भतीजे मोहम्मद तारिक व फाहद याजदानी के खिलाफ 25 जनवरी को प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी.

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