Lucknow: प्रदेश के जनपद अमेठी के रहने वाले आरिफ और उनके सारस की अनोखी दोस्ती का अंत होने के बाद अब ताजा जानकारी सामने आई है. कहा जा रहा है कि नियमों का हवाला देते हुए वन विभाग के दोनों को एक दूसरे से जुदा करने के बाद अब समसपुर पक्षी विहार में ये सारस नजर नहीं आ रहा है.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को सारस के लापता होने को लेकर एक बार फिर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट किया कि वन-विभाग द्वारा अमेठी से जबरदस्ती ले जाकर रायबरेली के समसपुर पक्षी विहार में छोड़ा गया ‘बहुचर्चित सारस’ अब लापता है. उप्र के राज्य-पक्षी के प्रति ऐसी सरकारी लापरवाही एक गंभीर विषय है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार तत्काल सारस खोजे, नहीं तो पूरी दुनिया के पक्षी-प्रेमी आंदोलन करेंगे. शर्मनाक! सपा अध्यक्ष ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि मुख्यमंत्री जी चाहें तो लापता सारस का कोई नामकरण भी कर दें लेकिन उसे ढूंढकर उसकी जान जरूर बचाएं. वो सारस भी पूरे उप्र को वैसे ही प्रिय है, जैसे मुख्यमंत्री जी को गोलू.
इससे पहले अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सारस को कैद करने की कार्रवाई तब की गई, जब वह आरिफ के घर सारस पक्षी को देखने गए थे. सरकार को बताना चाहिए कि सारस को कहां कैद करके रखा गया है, वहीं अब समसपुर पक्षी विहार में सारस के नहीं दिखाई देने पर एक बार फिर सियासत तेज होने की उम्मीद है. सोशल मीडिया पर भी कई लोगों का कहना है सियासी कारणों से आरिफ और सारस को एक दूसरे से जुदा किया गया.
दरअसल अमेठी के मंडखा गांव में मार्च 2022 में आरिफ के खेत में एक सारस पक्षी घायल अवस्था में मिला था. आरिफ के मुताबिक उसके पैर में चोट लगी थी. आरिफ ने उसकी मरहम पट्टी की और ध्यान रखा. इसके बाद वह सारस उनके साथ रहने लगा. आरिफ का जहां भी जाना होता, सारस वहां साथ रहता. फरवरी में आरिफ व सारस की अनोखी दोस्ती की खबर सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंची और देखते ही देखते इसका वीडियो वायरल हो गया.
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मामला तब और सुर्खियों में आ गया, जब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने अमेठी दौरे के दौरान आरिफ और सारस की दोस्ती देखने के लिए मंडखा पहुंचे. सपा अध्यक्ष ने वहां अपनी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए भाजपा सरकार पर कटाक्ष किया.
उन्होंने ट्वीट किया कि सपा सरकार ने उप्र के राज्य पक्षी सारस के संरक्षण के लिए सारस प्रोटेक्शन सोसाइटी, सारस मित्र स्कीम, इंटरनेशनल सारस कंजर्वेशन वर्कशाप व इंटरनेशनल क्रेन फाउंडेशन के साथ करार जैसे उपाय किए थे. आज भी हम सारस संरक्षण में सहयोग करने वालों के साथ खड़े हैं लेकिन भाजपा सरकार नदारद है.
इस बीच वन महकमे ने नियमों का हवाला देते हुए मंगलवार को सारस को रायबरेली के समसपुर पक्षी विहार छोड़ दिया. इसके बाद अखिलेश यादव ने फिर सरकार पर हमला बोला. उन्होंने लखनऊ में आरिफ के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार पर इस मुद्दे पर सियासत करने का आरोप लगाया.
अब कहा जा रहा है कि यूपी की सियासत में जो सारस बड़ा मुद्दा बन गया है, वह मौके पर नजर नहीं आ रहा है. वह समसपुर पक्षी विहार के अन्य सारस साथियों के साथ उड़ गया है. वह आरिफ के घर नहीं पहुंचा है. फिलहाल उसका पता नहीं चल पा रहा है. वहीं पक्षी विहार के अधिकारियों के मुताबिक सारस यहां लाए जाने के बाद अन्य सारस साथियों के उड़कर गया है. संभावना है कि वह कहीं आसपास वन्य क्षेत्र में होगा. वह कहीं भी जा सकता है. उसे खोजने के लिए टीम लगाई गई है.