22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आतंक की अति करने वालों का अंत, भाई अशरफ के साथ कसारी मसारी के कब्रिस्तान में दफन हुआ माफिया अतीक अहमद

अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ अहमद के दफन होने तक पुलिस के आला अधिकारी कब्रिस्तान में डटे रहे. वह हर तरह से सुनिश्चित करना चाहते थे कि कुछ भी ऐसा न होने पाये जो कानून व्यवस्था के बाहर हो. जनाजा में सख्ती इतनी थी कि अतीक के मोहल्ले की मस्जिद के इमाम को भी सुपुर्द ए खाक करने के वक्त ही प्रवेश करने दिया.

लखनऊ. माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ अहमद रविवार की रात करीब 8: 30 बजे अपने पिता – परिवार के अन्य सदस्यों की कब्र के बीच दफन कर दिये गये. चार दशक तक आंतक की अति करने वालों के शव पुलिस ने परिवार और रिश्तेदारों को सौंप दिए थे. कसारी मसारी कब्रिस्तान में दोनों भाइयों के सुपुर्द ए खाक की पूरी प्रक्रिया पूरी करायी गयी. अपराध ही नहीं कब्र के लिए भी अतीक अहमद का जनाजा अशरफ के जनाजा से आगे रहा. दफन भी वह छोटे भाई से पहले हुआ. इस दौरान कब्रिस्तान के चप्पे- चप्पे पर पुलिस तैनात रही. अतीक और अशरफ अहमद की शनिवार को प्रयागराज में तीन शूटरों ने गोली मारकर उस समय हत्या कर दी थी, जब वे पुलिस कर्मियों से घिरे हुए थे. मीडिया बाइट दे रहे थे. तीनों शूटर अरुण मौर्य, सन्नी सिंह और लवलेश तिवारी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

नाबालिग बेटों ने दी पिता अतीक- चाचा अशरफ को मिट्टी

पुलिस कड़ी सुरक्षा में अतीक अहमद के नाबालिग बेटों एहजम व एबाद को बाल सुधार गृह से लेकर कसारी मरारी कब्रिस्तान पहुंची. सुरक्षा की दृष्टि से दोनों बेटों को शव वाहन (एबुंलेंस) में अतीक व अशरफ के शव के साथ ही कब्रिस्तान के अंदर ले जाया गया. अतीक अशरफ परिवार के बहुत करीबी लोगों को ही कब्रिस्तान के अंदर जाने दिया गया है. कब्रिस्तान अंदर जाने वालों में अतीक की बड़ी बहन, उसकी भांजी, अशरफ के बेटा और बेटी और ससुर थे. परिवार की महिलाएं वाहन के अंदर ही रहीं. पुरुष रिश्तेदार भी मीडिया से बचते रहे. अशरफ के ससुर ने बस इतना कहा कि आखिरी मिट्टी देने आए हैं.

पास से मिली सुपुर्दे खाक में शामिल होने की अनुमति

माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के शव पुलिस सुरक्षा में पहुंचे. पोस्टमार्टम के बाद अन्य सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद करीब साढे़ छह बजे अतीक अहमद का शव कसारी मसारी के कब्रिस्तान पहुंचा. इसके कुछ देर बार अशरफ का शव पहुंचा. प्रशासन ने सुपुर्दे खाक में शामिल होने वालों को पास जारी किये गये थे. बड़ी संख्या में लोग शामिल होना चाहते थे लेकिन पुलिस ने सभी को मंजूरी नहीं दी. बिना अनुमति के कोई भी कब्रिस्तान में प्रवेश नहीं कर सका. सभी के पास चेक किये गये. पूरे इलाके में बैरियर लगाए गए थे. कब्रिस्तान छावनी में तब्दील कर दिया गया था.

ड्रोन कैमरे से नजर रखी गयी , पूरे शहर में गश्त

माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के शव पुलिस सुरक्षा में पहुंचे. पोस्टमार्टम के बाद अन्य सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद करीब साढे़ छह बजे अतीक अहमद का शव कसारी मसारी के कब्रिस्तान पहुंचा. इसके कुछ देर बार अशरफ का शव पहुंचा. प्रशासन ने सुपुर्द ए खाक में शामिल होने वालों को पास जारी किये गये थे. बड़ी संख्या में लोग शामिल होना चाहते थे लेकिन पुलिस ने सभी को मंजूरी नहीं दी. बिना अनुमति के कोई भी कब्रिस्तान में प्रवेश नहीं कर सका. सभी के पास चेक किये गये. पूरे इलाके में बैरियर लगाए गए थे. कब्रिस्तान छावनी में तब्दील कर दिया गया था. ड्रोन कैमरे से नजर रखी जा रही थी. पूरे शहर में गश्त लगायी जा रही थी.

अचानक शाइस्ता के सरेंडर की उड़ गयी उफवाह

नमाज- एक जनाजा से पहले छह महिलाएं बुर्का में पहुंची. पुलिस उनमें से दो महिलाओं को अतीक अहमद और अशरफ के शव के पास ले लेकर गयी. अतीक का चेहरा देखकर एक महिला बिलख-बिलखकर रोने लगी. अचानक कब्रिस्तान में यह सूचना तैर गयी कि शाइस्ता परवीन कसारी मसारी के कब्रिस्तान पहुंच गयी हैं. उसने सरेंडर कर दिया है. शाइस्ता परवीन बहन आयशा और एक अन्य महिला के साथ पहुंची.काफी देर बाद पता चला कि वह मृतक परिवार की महिलाएं हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें