Lucknow: प्रयागराज के चर्चित उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद के चारों बेटों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इनका नाम केस डायरी में अंकित कर दिया गया है. हालांकि इन्हें हत्याकांड में सीधे तौर पर आरोपी नहीं माना गया है. लेकिन, अपराध में इनकी संलिप्तता की बात कही गई है.
वहीं इससे पहले मो. मुस्लिम अपहरण कांड में अतीक के बेटों मोहम्मद उमर और अली पर शिकंजा कस सकता है. पुलिस इस केस में इनकी रिमांड लेने की तैयारी में है. इस तरह उमेश पाल मर्डर केस से पहले मोहम्मद उमर और अली पर मो. मुस्लिम अपहरण कांड में कार्रवाई की जाएगी. बिल्डर का अपहरण कर रंगदारी वसूलने के केस में गुरुवार को कोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई होनी है.
उमेश पाल हत्याकांड की बात करें तो इसमें पुलिस ने अतीक अहमद के बहनोई और अधिवक्ता समेत 9 के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है. शूटर अरमान, साबिर, गुड्डू मुस्लिम, अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन, अतीक की बहन आयशा नूरी और अशरफ की पत्नी को वांछित किया गया है.
इसके अलावा अतीक के बेटों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है. कहा जा रहा है कि इनमें नैनी जेल में बंद अली, लखनऊ जेल में बंद मोहम्मद उमर और दोनों नाबालिग बेटों के खिलाफ उमेश पाल की हत्या की साजिश में पुलिस को प्रमाण मिले हैं.
चारों बेटों की अलग-अलग भूमिका सामने आई है. हालांकि अभी तक इनकी रिमांड को लेकर पुलिस की ओर से कार्रवाई नहीं की गई. लेकिन, अब अपहरणकांड को लेकर अली और मोहम्मद उमर की रिमांड मांगकर उनसे इस मामले में पूछताछ की जाएगी.
दरअसल अतीक के करीबी बिल्डर मोहम्मद मुस्लिम ने अली, उमर और शूटर असाद कालिया समेत अन्य के खिलाफ खुल्दाबाद में अपहरण रंगदारी समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
इस मामले में तहरीर में कहा गया कि मोहम्मद मुस्लिम को अगवा करके अतीक के चकिया स्थित कार्यालय पर ले जाया गया. वहां पर उससे मारपीट करने के साथ पांच करोड़ की रंगदारी मांगी गई. मोहम्मद मुस्लिम ने अपनी जान के डर से 1.20 करोड़ रुपए पहुंचाए. इस केस में तीन आरोपी अली, उमर और असद कालिया जेल में बंद हैं. अब तीनों की रिमांड के जरिए पूछताछ की तैयारी है.
इस बीच उमर और अली की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर जेल में सुरक्षा की मांग की गई है. याचिका में जेल से वारंट तामील कराने के दौरान सुरक्षा की मांग की गई है. याचिका में सुरक्षा कारणों से अली की जेल बदलने की भी मांग की गई है. अतीक के दोनों बेटों में उमर लखनऊ और अली नैनी सेंट्रल जेल में बंद है. कोर्ट ने फिलहाल इस मामले में याची के अधिवक्ता से दो सप्ताह में पूरक शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है. मामले में 12 जुलाई को सुनवाई होगी.