लखनऊ : उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में शनिवार सुबह दो ट्रकों की भीषण टक्कर में 24 प्रवासी मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गयी. वहीं इस हादसे में 36 अन्य मजदूर घायल हो गये. दोनों वाहनों में ज्यादातर पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के मजदूर सवार थे. वहीं इस हादसे को लेकर यूपी में सियासी बयानबाजी का सिलसिला तेज हो गया है. एक ओर जहां 24 मजदूरों की मौत को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने हादसा नहीं हत्या बताया. जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने पार्टियों से दलगत राजनति से ऊपर उठकर लोगों की मदद के लिए आगे आने और घटना पर राजनीति नहीं करने की अपील की है.
औरैया हादसे के लिए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने नाम लिये बैगर योगी सरकार को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया है. अखिलेश यादव ने ट्विट कर प्रवासी मजदूरों की मौत पर दुख जताते हुए आगे कहा कि ऐसे हादसे मृत्यु नहीं हत्या है. उन्होंने आगे कहा, घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों के मारे जाने की खबरें दिल दहलानेवाली हैं. मूलत: ये वो लोग हैं जो घर चलाते थे. इसलिए समाजवादी पार्टी प्रदेश के प्रत्येक मृतक के परिवार को 1 लाख रुपये की मदद पहुंचाएगी. नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए निष्ठुर भाजपा सरकार भी प्रति मृतक 10 लाख रुपये की राशि दे.
पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा है, पैदल घर पहुंचने के लिए वाहनों में विवश होकर चलने पर मजबूर व हादसों में अपनी जान गंवा रहे प्रवासी मजदूरों को सम्मान और सुरक्षा के साथ घर पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार को 10 हजार सरकारी बसों को तत्काल चलाना चाहिए. क्या गरीब का कोई हक नहीं होता?
पैदल घर पहुँचने के लिए वाहनों में विवश होकर चलने पर मजबूर व हादसों में अपनी जान गँवा रहे प्रवासी मज़दूरों को सम्मान और सुरक्षा के साथ घर पहुँचाने के लिए प्रदेश सरकार को 10 हज़ार सरकारी बसों को तत्काल चलाना चाहिए.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 16, 2020
क्या ग़रीब का कोई हक़ नहीं होता?
वहीं, बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने प्रेस विज्ञेप्ति जारी कर उत्तर प्रदेश के औरैया में 24 प्रवासी मजदूरों की सड़क दुर्घटना में हुई दर्दनाक मौत व अनेकों के घायल होने पर गहरा दुःख व संवेदना व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में करोड़ों गरीब, लाचार व असहाय प्रवासी मजदूरों के मजबूरी में पलायन पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, बल्कि उनके जान-माल व हितों की रक्षा पूरी तत्परता व ईमानदारी से दलगत राजनीति से उपर उठकर केंद्र एवं बीजेपी व कांग्रेस शासित राज्यों को भी करनी चाहिए. देश में फैले कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन में ये लोग हर मामले में व हर स्तर पर सबसे ज्यादा दुःखी पीड़ित व परेशान हैं. केंद्र व खासकर राज्य सरकारों द्वारा उनकी की गयी उपेक्षा की वजह से ये लोग अपने-अपने मूल राज्यों में जैसे-तैसे करके वापिस लौट रहे हैं. जिनके साथ अभी तक कई दुर्घटनायें भी हो चुकी हैं.
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस घटना को काफी भयानक बताया है. राहुल गांधी ने भी इस हादसे पर खेद जताया है. वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि औरैया सड़क हादसे में सभी मृतकों के पार्थिव शरीरों को सम्मानपूर्वक उनके परिवारवालों तक पहुंचाया जाये. इसके साथ ही सभी घायलों का समुचित इलाज हो. उधर, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष और इटावा के जवसंतनगर से समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल सिंह यादव ने इस हादसे पर योगी आदित्यनाथ सरकार की भूमिका पर प्रश्न उठाया है.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुर्घटना पर दुख व्यक्त करते हुये ट्वीट किया, उत्तर प्रदेश के औरैया में सड़क दुर्घटना बेहद दुखद है. सरकार राहत कार्य में तत्परता से जुटी है. इस हादसे में मारे गये लोगों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं , साथ ही घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं. गौर हो कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर तत्काल एक्शन लिया और औरैया में दो इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही मृतकों के स्वजन को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की गयी है. शीर्ष अधिकारियों से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है. उधर, भाजपा अध्यक्ष जेपी नडडा और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है.