Ayodhya: अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. रामनवमी पर निर्माण कार्य को देखकर लाखों श्रद्धालु जहां बेहद प्रसन्न नजर आए, वहीं उन्होंने अब रामलला के मंदिर में उनके दर्शन करने की बात कही. रामलला निर्धारित समय में अपने गर्भगृह में विराजमान हों, इसके लिए निर्माण स्थल पर श्रमिकों की संख्या भी बढ़ा दी गई है.
राममंदिर के गर्भगृह का परिक्रमा पथ भी बन चुका है. वहीं गर्भगृह का काम अब अंतिम चरण में पहुंच रहा है. बीम के भी सभी स्तंभ तैयार हो चुके हैं. हनुमान जयंती से श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है कि अब अगले महीने से रामलला के मंदिर की छत ढालने का काम शुरू हो जाएगा.
मंदिर का सिंहद्वार पहला प्रवेश द्वार होगा. प्रवेश द्वार की 32 सीढ़ियां भी लगभग तैयार हो चुकी हैं. मंदिर का गृह मंडप भी बनकर तैयार है. गृहमंडप का द्वार मकराना के मार्बल से बनाया गया है. वहीं मॉडल के मुताबिक राममंदिर में दो परिक्रमा पथ बनाए जाने हैं. इनमें गर्भगृह का परिक्रमा पथ तैयार हो चुका है. बताया जा रहा है कि गर्भगृह की परिक्रमा केवल मंदिर के पुजारी ही कर पाएंगे. वहीं मंदिर परिसर के परिक्रमा पथ का काम भी जल्द पूरा होने वाला है. यह परिक्रमा पथ कीर्तन मंडप से शुरू होकर भजन मंडप तक तैयार किया जा रहा है.
Also Read: Rapid Train: यूपी निकाय चुनाव से पहले दौड़ेगी भारत की पहली रैपिड ट्रेन, पीएम मोदी से उद्घाटन कराने की तैयारीअयोध्या में निर्माणाधीन भव्य राम मंदिर में महाराष्ट्र के चंद्रपुर जनपद की सागौन लकड़ी का इस्तेमाल होगा. राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के मंदिर का मुख्य द्वार, गर्भगृह और बाकी दरवाजों के लिए चंद्रपुर के जंगलों की लकड़ी का प्रयोग किया जाएगा. इन लकड़ियों की कटाई का काम चल रहा है. गर्भगृह का कपाट 9 फीट ऊंचा और 12 फीट चौड़ा होगा. दरवाजे सोने से मंडित होंगे.
प्रथम तल पर पहुंचने के लिए सिंह द्वार के उत्तर और दक्षिण दोनों तरफ सीढ़ियों का निर्माण होगा. और दोनों तरफ लिफ्ट भी लगाई जाएगी. इससे पहले दिव्यांगों और वृद्धों को राम मंदिर तक पहुंचाने के लिए रैंप का निर्माण भी किया जा रहा है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय के मुताबिक मंदिर में भूतल के साथ दो तल बनने हैं. प्रथम तल में पंचायतन विग्रह के रूप में श्री राम दरबार का निर्माण होगा. जबकि दूसरा तल सिर्फ मंदिर की ऊंचाई के लिहाज से बनाया जा रहा है. गर्भ ग्रह के पहले भूतल पर गूढ़ी मंडप, नृत्य मंडप और रंग मंडप की छत नहीं होगी. यह इन्हें खुला रखा जाएगा. वहीं चारों दिशाओं में परकोटे का निर्माण शुरू हो चुका है. यह श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने में मददगार साबित होगा.
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र के मुताबिक राममंदिर के भूतल का 70 फीसदी से अधिक काम पूरा हो चुका है. अगले माह मई से मंदिर की छत ढालने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. मई व जून में छत ढालने का काम तेजी से चलेगा. काम में तेजी लाने के लिए श्रमिकों की संख्या में भी इजाफा किया गया है. दिसंबर तक भूतल बनकर तैयार हो जाएगा.
इस बीच प्रदेश में महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा के मद्देनजर बड़ा फैसला किया गया है. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को देखते हुए बम डिस्पोजल एंड डिटेक्शन स्क्वॉड (बीडीडीएस) की दो टीम तैनात की गई हैं. रामनगरी में बीडीडीएस के साथ ही एंटी सबोटाज चेक (एसएससी) की दो नई टीमें भी लगाई गई हैं. इनके जरिए अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता की गई है.