Ayodhya News: प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या. गुजरे कल में बहुत कुछ देख और सह चुकी है. आज वक्त आगे बढ़ा है तो लोग भी काफी आगे बढ़ चुके हैं. लेकिन, रह-रहकर 6 दिसंबर की टीस मन में उठती रहती है. 6 दिसंबर के लिए अयोध्या में हाई अलर्ट है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दोनों तरफ के लोगों ने स्वीकारा पर अराजक तत्वों की गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए अयोध्या में चाक-चौबंद सुरक्षा है.
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद का विवाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शांत हो गया. नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए राम जन्मभूमि परिसर को राम मंदिर के निर्माण के लिए प्रदान कर दिया. मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या जिले में पांच एकड़ जमीन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को दी जा चुकी है. राम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर ट्रस्ट भव्य मंदिर का निर्माण करा रही है. मस्जिद के लिए दी गई जमीन पर अयोध्या विकास प्राधिकरण से नक्शा पास होने की प्रक्रिया अपने अंतिम दौर में है.
अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस की 29वीं बरसी को लेकर हाई अलर्ट है. 6 दिसंबर 1992 में कार सेवकों ने विवादित ढांचे को गिरा दिया था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ना तो बाबरी विध्वंस की वर्षगांठ मनाई जाती और ना ही हिंदू समुदाय के लोग किसी प्रकार का जश्न ही मनाते हैं. इसके बावजूद किसी तरह की अनहोनी की आशंका को देखते हुए सुरक्षा बल द्वारा मुस्तैदी बरती जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर 9 नवंबर 2019 को फैसला सुनाया था. इस फैसले के दो साल पूरे हो गए हैं. फैसला सुनाते ही अयोध्या विवाद को खत्म कर दिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले से साफ कर दिया था कि सबके ईश्वर और सबके अल्लाह हैं. राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से मंदिर निर्माण का शिलान्यास पीएम मोदी ने किया. मस्जिद निर्माण के लिए मिली जमीन पर अयोध्या विकास प्राधिकरण में नक्शे को पास करने का काम अंतिम चरण में है. माना जा रहा है कि जल्द ही नक्शे को पास किया जाएगा.
6 दिसंबर को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं. शहर की सुरक्षा के मद्देनजर खास कंट्रोल रूम बनाया गया है. अयोध्या में कई मजिस्ट्रेट की तैनाती भी की गई है. बाहर से आने-जाने वाली गाड़ियों की चेकिंग की जा रही है. संवेदनशील स्थलों की सुरक्षा बढ़ाई गई है. होटल, धर्मशाला समेत हर स्थान पर नजर रखी जा रही है. लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की गई है. वहीं, सरयू के बहते पानी में आपसी खटास बह गई है. आज अयोध्या नगरी पर दुनियाभर की निगाहें हैं और लोगों को उम्मीद है कि अयोध्या नगरी अपने सामाजिक सौहार्द के धागों को और मजबूती से आपस में थामे रहेगा.