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अयोध्या: पितृपक्ष में राम मंदिर आंदोलन के शहीदों के लिए अनुष्ठान शुरू, सरयू तट पर शंकराचार्य कराएंगे श्राद्ध

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि आंदोनल के दौरान बीते 500 वर्षों में अपना बलिदान देने वालों की आत्मा की शांति के लिए मंगलवार से श्रीवाल्मीकि रामायण व श्रीरामचरित मानस का नवाह्न पारायण पाठ शुरू किया गया है.

Ayodhya News: पितृपक्ष में लोग अपने पितरों का तर्पण कर रहे हैं. प्रयागराज, वाराणसी सहित सभी प्रमुख तीर्थ स्थलों पर इस दौरान बड़ी संख्या में लोग अपने पितरों की शांति के लिए उपाय कर रहे हैं. वहीं राम मंदिर आंदोलन में शहीद आत्माओं की शांति के लिए भी अयोध्या में धार्मिक अनुष्ठान मंगलवार से शुरू कर दिया गया है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर की रक्षा व पुनः प्राप्ति के लिए विगत 500 वर्षों में आत्मोत्सर्ग करने वाले शहीदों की आत्म शांति के लिए मंगलवार से श्रीवाल्मीकि रामायण व श्रीरामचरित मानस का नवाह्न पारायण पाठ श्रीराम जन्मभूमि परिसर में प्रारम्भ किया गया है.

इस तरह पितृपक्ष में ये अनुष्ठान बेहद खास है. ट्रस्ट इस धार्मिक अनुष्ठान के जरिए शहिद बलिदानियों की आत्मा शांति के लिए प्रार्थना कर रहा है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से जुड़े लोगों के मुताबिक इसके साथ ही 13 अक्टूबर को पितृपक्ष के आखिरी दिन राम की पैड़ी पर बड़ी संख्या में दीप प्रज्वलन कर राम मंदिर आंदोलन में शहीद हुए लोगों की आत्मा की शांति की प्रार्थना की जाएगी. कहा जा रहा है इस दिन विराजमान रामलला के दरबार में भी अखंड ज्योति भी जालाई जाएगी.

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विश्व हिन्दू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि राम मंदिर आंदोलन में शहीद आत्मा के शांति के लिए हर साल दीपक जलाकर समर्पण किया जाता है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने कहा कि पितृपक्ष का आरंभ हो चुका है और हर व्यक्ति अपने परिवार के पूर्वजो को श्रद्धांजलि दे रहा है. राम मंदिर के लिए जिन लोगों ने अपनी आहुति दी है, प्राणों का दान किया है, राम मंदिर ट्रस्ट के द्वारा उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि देने का काम किया जा रहा है. राम मंदिर आंदोलन में अपनी आहुति देने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए कार्यक्रम किया जा रहा है.

इस बीच कारसेवकों की आत्मा की शांति के लिए कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य शंकर विजयेंद्र सरस्वती भी रामनगरी में अनुष्ठान करेंगे. इस अनुष्ठान के लिए शंकराचार्य 10 अक्तूबर को अयोध्या पहुंचेंगे और वहां पर 20 दिन रहेंगे. अयोध्या में जो भी कारसेवकों जान गई थी उनकी आत्मा की शांति के लिए शंकराचार्य सरयू के तट पर चतुर्दशी तिथि को उनके लिए शांति अनुष्ठान करेंगे. इस पूरे अनुष्ठान को शंकराचार्य के मार्गदर्शन में संपन्न किया जाएगा.

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