लखनऊ. UP के रामपुर में बने विश्व के सबसे बड़े चाकू को अब आज़म खां ने चुनावी मुद्दा बनाया है. आजम खां ने कहा कि चाकू कभी रामपुर की पहचान था. मैं 40 साल की मेहनत के बाद तुम्हारे माथे से इस कलंक को हटाया था. आज 80 लाख की कीमत का चाकू लगाकर तुम्हारे हाथ से कमल छीनने का प्रयास किया जा रहा है. आजम खां ने युवाओं से पूछा कि बोलो ये चाहते हो कि तुम्हारे हाथ में चाकू बाट दिये जाए या कलम बाट दिये जाएं. अगर कमल चाहते तो हमारी बात मानो ओर हमारे अंजाम से सबक भी लेना होगा. आजम खां ने कहा कि बहुत कठिन काम है एक औलांद को अपने साथ जेल में रखना. ये बातें आज़म खां ने रामपुर में शाहबाद में नगरपालिका चुनाव के लिए सपा उम्मीदवार के समर्थन में जनसभा को संबोधित करने के दौरान कही. इस दौरान आजम खां ने रामपुर में चाकू लगवाए जाने को लेकर सरकार पर तंज भी किया.
आजम खां जैसे ही मंच पर पहुंचे तो हो-हल्ला होने लगा. आजम खां इस पर भड़क गए. आजम खां ने लोगों को खामोशी से सुनने की नसीहत दी. आजम खां ने कहा कि तुम्हारे अंदर अनुशासन ही नहीं हैं. भेड़ों से बदतर हो गए हैं हम. तुमसे ज्यादा किसमें अनुशासन था. तुम्हारी अजान का वक्त एक, तुम्हारी नमाज का वक्त एक और इसके बाद भी अनुशासन नहीं है. आजम खां ने अपने आपको भिखारी बताया. आजम खां ने कहा कि हाथ फैलाए खड़ा हूं, हम तो तुमसे मांगने आए हैं. बताओ, मांगने वाला क्या लेकर आता है खुले हुए हाथ. खुले हाथ किसके होते हैं? भिखारी के. हमारी हैसियत क्या है, भीख मांगने वाले की. हम तो वोट की भीख मांगने आया हूं. बता दें कि आजम खां स्थानीय निकाय चुनाव में कुरान हदीस अल्लाह रसूल दीन ईमान का वास्ता देते हुए जनता से वोट मांगा.
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आजम खां ने कहा कि इन सभी को समेटकर हम तुम्हारे बच्चों के लिए कलम खरीद कर लाते हैं, चाकू नहीं. तुम हमारे खुले हाथों की कदर नहीं करोगे तो फिर दोबारा हाथ फैलाने वाला पैदा नहीं होगा. आजम खां ने कहा कि हम भिखारी ही तो हैं. कोई हाथ में वोट रख देता है, कोई नोट रख देता है, कोई थूक देता है और कोई अंगारे रख देता है. इन हाथों की लाज आपको रखना होगा. आजम खां ने रामपुर में चाकू लगवाए जाने को लेकर सरकार पर तंज भी किया. आजम खां ने युवाओं से कहा कि 40 साल की मेहनत के बाद मैं तुम्मारें माथे से इस कलंक को हटाया था. चाकू कभी रामपुर की पहचान था. आज दौरे हसीद ने 80 लाख रुपये का चाकू लगाकर तुम्हारे हाथ से कलम लेना चाहा है. उन्होंने कहा कि बोलो यही चाहते हो, तुम्हारे बीच चाकू बांट दिए जाएं? आजम ने कहा कि अगर कलम चाहते हो तो हमारी बात भी माननी पड़ेगी.