Yogi Government 2.0: देश के सबसे बड़े सूबे के मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ ने 25 मार्च 2022 को राजधानी लखनऊ के इकाना स्टेडियम में दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ दो डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने भी शपथ ली. इसके अलावा, 50 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली. इस दौरान जातिगत समीकरणों पर खास ध्यान दिया गया, लेकिन कई जिले ऐसे रहे, जहां पर मतदाताओं ने भारतीय जनता पार्टी को सभी सीटों पर जीत दिलायी, लेकिन वहां से किसी विधायक को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई.
बता दें, यूपी मंत्रिमंडल में अधिकतम 60 मंत्री ही हो सकते हैं. ऐसे में सभी जिलों की भागीदारी होना नामुमकिन है. जिन जिलों में बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया है, वहां से भी किसी विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया है. इसमें लखीमपुर खीरी, गोंडा, उन्नाव, फर्रुखाबाद, एटा, हापुड़, नोएडा, महोबा और हमीरपुर जिला शामिल है. लखीमपुर खीरी में आठ, गोंडा में 7, उन्नाव में 6, फर्रुखाबाद में 5, एटा में 4, हापुड़ में तीन, नोएडा में तीन, महोबा में दो और हमीरपुर में दो विधानसभा सीटें है.
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वहीं कुछ जिले ऐसे हैं, जहां से तीन मंत्री बनाये गये हैं. इनमें आगरा, वाराणसी, बलिया, शाहजहांपुर और कानपुर देहात जिला शामिल है. इसके अलावा, जहां की सभी सीटों पर बीजेपी को हार मिली, वहां से किसी को मंत्री नहीं बनाया गया है. इनमें आजमगढ़, अंबेडकर नगर, गाजीपुर और शामली जिला शामिल है. यहां की सभी सीटों पर सपा गठबंधन ने जीत दर्ज की है.
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हालांकि इसमें कौशांबी ज़रूर अपवाद रहा, जहां से केशव प्रसाद मौर्य दोबारा डिप्टी सीएम बने हैं. केशव प्रसाद मौर्य को सिराथू सीट पर अपना दल (कमेरावादी) की पल्लवी पटेल के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. केशव पिछड़ी जाती के बड़े नेता हैं.
Posted By: Achyut Kumar