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भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत किसान हत्याकांड में बरी, 20 साल पहले हुआ था जगबीर सिंह का मर्डर, जानें मामला

भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत को बहुचर्चित जगबीर सिंह हत्याकांड में बड़ी राहत मिली है. करीब 20 वर्ष पुराने मामले में अदालत ने उन्हें बरी कर दिया है. इस मामले में अन्य दो आरोपी परवीन और बिट्टू उर्फ पटवारी की पहले ही मौत हो चुकी है. नरेश टिकैत ने कोर्ट के फैसले को इंसाफ की जीत बताया है.

Muzaffarnagar News: भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत को मुजफ्फरनगर कोर्ट ने बहुचर्चित जगबीर सिंह हत्याकांड में बरी कर दिया है. साक्ष्य के अभाव के कारण कोर्ट ने नरेश टिकैत को बरी कर दिया है. सोमवार सुबह से ही लोगों की अदालत के फैसले पर निगाहें टिकीं थीं. अदालत के फैसले से नरेश टिकैत को बड़ी राहत मिली है.

मुजफ्फरनगर के भोरा कला थाना क्षेत्र में वर्ष 2003 में अलावलपुर में राष्ट्रीय किसान मोर्चा के अध्यक्ष चौधरी जगबीर सिंह की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. यह हत्याकांड पूरे उत्तर प्रदेश में सुर्खियों में आ गया था. जगबीर सिंह की हत्या में चौधरी नरेश टिकैत समेत दो अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया था.

इनमें से दो आरोपियों की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है. वहीं नरेश टिकैत को लेकर कोर्ट में मामला चल रहा था. अब सबूतों के अभाव में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है. अपर सत्र न्यायालय (विशेष न्यायालय गैंगस्टर एक्ट) कोर्ट नंबर पांच के पीठासीन अधिकारी अशोक कुमार ने इस प्रकरण की सुनवाई की है.

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इस प्रकरण में पूर्व मंत्री योगराज सिंह मामले में वादी हैं. जगबीर सिंह पूर्व मंत्री चौधरी योगराज सिंह के पिता थे. करीब 20 साल पुराने इस प्रकरण में कोर्ट के फैसले को लेकर सुबह से ही कचहरी परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. वहीं, फैसले के दौरान कचहरी परिसर में भारी पुलिस बल तैनात रहा.

बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल जिंदल ने बताया कि न्यायाधीश ने 12 जुलाई को फैसला सुरक्षित रखा था, जिस पर सोमवार को फैसला सुनाया गया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने चौधरी नरेश टिकैत को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. उन्होंने बताया कि इस मामले में अन्य दो आरोपी परवीन और बिट्टू उर्फ पटवारी की पहले ही मौत हो चुकी है.

कोर्ट के फैसले के बाद चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि सत्य की जीत हुई है. हम निर्दोष थे और अदालत ने न्याय किया. उन्होंने कहा कि हमें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा था. लंबी कानूनी लड़ाई चली. लेकिन, हमें पूरा भरोसा था कि एक न एक दिन न्याय मिलेगा. यह अदालत के इंसाफ और हमारे विश्वास की जीत है.

किसान नेता जगबीर सिंह की छह सितंबर 2003 को भौराकलां थाना क्षेत्र के अलावलपुर माजरा गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पूर्व मंत्री एवं रालोद नेता योगराज सिंह ने मामले में अलावलपुर गांव के राजीव उर्फ बिट्टू और प्रवीण के अलावा सिसौली निवासी भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत के खिलाफ हत्या का मुकदमा पंजीकृत कराया था.

मुकदमे के विचारण के दौरान प्रवीण और बिट्टू की मौत हो चुकी है. पुलिस के बाद यह मामला सीबीसीआईडी को ट्रांसफर कर दिया गया. इस मामले में सीबीसीआईडी ने नरेश टिकैत को क्लीन चिट दे दी थी. हालांकि वादी ने कोर्ट में नरेश टिकैत को सीआरपीसी 319 के तहत तलब करने की अर्जी लगाई थी.

इस मामले को कोर्ट स्वीकार किया और फिर नरेश टिकैत पर हत्या का मुकदमा चलने लगा. नरेश टिकैत किसान नेता राकेश टिकैत के बड़े भाई हैं जो दिल्ली में हुए किसान आंदोलन के दौरान सुर्खियों में रहे थे.

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