Lucknow: समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य और राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस पर दिए विवादित बयान के बाद उत्तर प्रदेश में जातीय राजनीति ने नया मोड़ ले लिया है. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के शू्द्र राग पर अब अन्य नेता भी इस मुद्दे को हवा देने में जुट गए हैं. इस बीच राजधानी में विक्रमादित्य मार्ग पर समाजवादी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय के बाहर होर्डिंग लगाई गई है, जिसमें शूद्र राजनीति को आगे ले जाने के साफ संकेत मिल रहे हैं.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दो दिन पूर्व कहा था कि बीजेपी वाले हमे शूद्र मानते हैं. सपा प्रमुख के इस बयान के बाद ही ये होर्डिंग लगाई गई है. इसे अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रीय महासभा मुंबई के राष्ट्रीय महासचिव उत्तम प्रकाश सिंह पटेल की ओर से लगाया गया है. इसमें लिखा है- गर्व से कहो, हम शूद्र हैं. इसमें ऊपर की ओर जय शूद्र समाज और जय संविधान भी लिखा है.
दरअसल लखनऊ में झूलेलाल वाटिका के उपासना स्थल में चल रहे मां पीतांबरा 108 कुंडीय महायज्ञ में शनिवार को उस समय हंगामा हो गया था, जब पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मौके पर पहुंचे थे. विश्व कल्याण के लिए 22 जनवरी से चल रहे महायज्ञ की धार्मिक मर्यादा का पालन नहीं करने और यज्ञशाला का अपमान करने के विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया था. भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा था कि सपा नेता श्रीरामचरितमानस का अपमान करते हैं और उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष मां पीतांबरा महायज्ञ में धार्मिक मर्यादाओं का अपमान करते हैं. इसके बाद अखिलेश यादव को काले झंडे भी दिखाए गए थे.
इसके बाद अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने उन्हें रोकने के लिए गुंडे भेजे थे. सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं थी. कोई धार्मिक आयोजन में भी नहीं जा सकता. भाजपा के लोग पिछड़ों को शूद्र मानते हैं. मुझे रोकने के लिए काले झंडे के साथ गुंडे भेजे हैं. ऐसा नहीं है, समय बदलेगा. हम समाजवादी पार्टी के लोग घबराने वाले नहीं हैं.
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अखिलेश यादव ने इसके बाद करहल में कहा कि वह सदन में मुख्यमंत्री योगी से पूछेंगे कि वे शूद्र हैं या नहीं. साथ ही उन्होंने कहा कि वो या सपा श्रीराम और श्रीरामचरित मानस के खिलाफ नहीं है. लेकिन, श्रीरामचरित मानस में जो लिखा है उसे नकारा नहीं जा सकता है.
सपा जिस तरह से शूद्र राग अलाप रही है, उससे यह स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए जातीय मुद्दों को हवा देने की तैयारी कर ली है. अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा पिछड़ों और दलितों की विरोधी है. भाजपा सरकार जातिगत जनगणना नहीं कराना चाहती है. इस सरकार को जातिगत जनगणना से डर लगता है. भाजपा पिछड़ा वर्ग, दलित वर्ग व शोषित वर्ग को हक और सम्मान नहीं देना चाहती है. जातीय जनगणना का मामला हम सदन में उठाएंगे.
उधर भाजपा की ओर से भी अखिलेश यादव पर पलटवार किया गया है. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सपा को समाजिक माहौल खराब करने की नौटंकी से राजनीतिक फायदा कम नुकसान अधिक होगा, सपा समाप्त वादी पार्टी बनेगी. उन्होंने कहा कि खुद को शूद्र बता अखिलेश यादव पिछड़ों-दलितों की सहानुभूति लेना चाहते हैं. लेकिन, वह अपने मकसद में कभी सफल नहीं होंगे.