Lucknow: सीआरपीएफ के कमांडेंट के ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी में करोड़ों की काली कमाई का खुलासा हुआ है. कमांडेंट नीरज कुमार पांडेय की साढ़े पांच करोड़ रुपये से अधिक की काली कमाई का मामला सामने आया है. रेड के दौरान सीबीआई ने कई दस्तावेज कब्जे में लिए हैं, जिनमें अवैध संपत्तियों से जुड़े कागज भी शामिल हैं.
सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने सीआरपीएफ की लखनऊ स्थित 93वीं बटालियन के कमांडेंट नीरज कुमार पांडेय के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की है. इसे लेकर सीबीआई की टीमों ने नीरज पांडेय के लखनऊ स्थित आवास सहित मीरजापुर, नोएडा व दिल्ली स्थित पांच ठिकानों पर छापेमारी कर काली कमाई का सज उजगार किया है.
बताया जा रहा है कि सीबीआई की छापेमारी के दौरान वाराणसी, नोएडा व यमुना एक्प्रेसवे सहित अन्य स्थानों पर नीरज पांडेय और उनके परिजनों के नाम 4.6 करोड़ रुपये की संपत्तियों का खुलासा हुआ है. वहीं 1.02 करोड़ रुपये नीरज पांडेय व परिजन के खातों में नकद जमा व फिक्स डिपाजिट के रूप में पाए गए हैं. नीरज पांडेय, उनकी पत्नी सुमन पांडेय व परिजन के खातों में 6.18 करोड़ रुपये का लेनदेन सामने आया है. इन लोगों के कुछ कंपनियों के संचालन का भी खुलासा हुआ है, जिनके जरिए बड़े भुगतान किए जाने की बात सामने आई है.
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दरअसल सीआरपीएफ के आईजी ने नौ जून 2022 को सीबीआई निदेशक को पत्र लिख कर कमांडेंट नीरज कुमार पांडेय के खिलाफ उनकी संपत्तियों की जांच का अनुरोध किया था. कहा था कि नीरज पांडेय ने अपने और अपने परिवार के नाम काफी चल और अचल संपत्ति अर्जित कर रखी है, जो उनकी आय से अधिक है. उन्होंने सीबीआई को लिखे गए पत्र में नीरज कुमार पांडेय, उनकी पत्नी और बच्चों की संपत्तियों का भी उल्लेख किया था. सीबीआई मुख्यालय ने इसकी जांच लखनऊ शाखा को सौंपी थी.
सीबीआई लखनऊ शाखा ने मामले की जांच शुरू की तो पाया कि नीरज कुमार पांडेय और उनके परिवार की एक जनवरी 2014 से 31 मार्च 2022 तक की आय 1.44 रुपये थी. जबकि, उनके और उनके परिवार के पास इस दौरान जमा की गई चल और अचल संपत्ति इससे कहीं ज्यादा है. इस दौरान कमांडेंट नीरज कुमार पांडय ने 5.20 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति अर्जित की. जो उनकी आय से 108 फीसदी अधिक है. इसी आधार पर जांचकर्ता इंस्पेक्टर आशीष कुमार सिंह ने 16 मार्च 2023 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर अपने यहां दर्ज की थी. इसी एफआईआर को लेकर सीबीआई ने छापेमारी की.