Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि 22 मार्च दिन बुधवार से शुरू हो गया है. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन मां मां कुष्मांडा पूजा, पांचवे दिन मां स्कंदमाता छठवां दिन मां कात्यायनी और सातवे दिन आज ( 28 मार्च 2023) मां कालरात्रि की पूजा की जाएगी. आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा की सबसे शक्तिशाली स्वरुप मां कालरात्रि कौन हैं. माता कालरात्रि की पूजा कैसे करें. शुभ मुहूर्त, मंत्र और उपाय से जुड़ी सभी जानकारी के बारे में .
चैत्र नवरात्रि शुरू होते मां दुर्गा की दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं. मंगलवार 28 मार्च नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि का दिन है. कौन हैं मां कालरात्रि इसके बारे में पंडित जितेंद्र शास्त्री के अनुसार मां कालरात्रि का दूसरा नाम काली है. मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने वाली हैं. दानव, दैत्य, राक्षस भूत प्रेत मां के स्मरण से ही भयभीत होकर भाग जाते हैं. मां कालरात्रि का रूप देखने में बहुत ही भयानक है.मां कालरात्रि के बाल बड़े और बिखरे हुए हैं. मां दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि चमकीले भूषण पहनती हैं. माता रानी की तीन आंखें हैं. कालरात्रि मां शावा (मृत शरीर ) पे सावरी करती हैं. मां की दाहिने हाथ में उस्तरा तेज तलवार, बाएं हाथ में मशाल है.
चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. मां कालरात्रि ही पूजा हिंदू धर्म में बड़े ही विधि विधान से की जाती है. कल का नाश करने वाली माता कालरात्रि की पूजा मध्य रात्रि में बेहद शुभ माना गया है. देवी कालरात्रि को कुमकुम का पहले तिलक करें. इसके बाद लाल मौली, गुड़हल या रातरानी के पुष्प चढ़ाएं. अंत में मां कालरात्रि की आरती करें. फिर भोग में माता राजी को गुड़ के भोग लगाएं. इस विधि विधान से पूजा करने से मां कालरात्रि बेहद प्रसन्न प्रसन्न होती हैं.
चैत्र नवरात्रि सातवें दिन मां कालरात्रि का दिन है. शुभ मुहूर्त चैत्र शुक्ल सप्तमी तिथि शुरू 27 मार्च 2023 शाम 5:00 बजकर 27 मिनट से हो गई है. समाप्ति 28 मार्च यानी आज रात 7:02 पर है. लाभ सुबह 10:00 बजकर 57 से दोपहर 12:00 बजकर 26 मिनट तक है. निशिता काल मुहूर्त मध्य रात्रि 12:03 प्रातः 12:49 तक है. द्विपुष्कर योग आज सुबह 6:16 से शाम 5:30 तक है. सौभाग्य योग रात 11:36 तक है.
चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन आज मां कालरात्रि का दिन है. इस दिन इन मंत्र के जाप करने से माता रानी बेहद खुश होती हैं. मां कालरात्रि मंत्र ॐ कालरात्र्यै नम:।
ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ।
क्लीं ऐं श्रीं कालिकायै नमः
ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ।
ॐ कालरात्र्यै नम:
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मां कालरात्रि को रात के समय लाल वस्त्र पहनाए. इसके बाद मां के सामने दीपक जलाएं साथ ही माता रानी को 11 नींबू की माला और गुड़हल के फूल की माला पहनाएं. इसके बाद 108 बार ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ मंत्र का जाप करें. इसके बाद मां को लौंग अर्पित करें. बाद में उस लौंग को अग्नि में डाल दें. शास्त्रों की मानें तो ऐसा करने से दुश्मन शांत होता है. साथ ही शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव भी कम होते हैं.