Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि 2023 के अष्टम दिन माता महागौरी की पूजा की जाती है. इस खास दिन को महा अष्टमी या दुर्गा अष्टमी कहा जाता है. इस साल दुर्गा अष्टमी व्रत आज ( 29 मार्च) दिन बुधवार को रखा जाएगा. पंडित जितेंद्र शास्त्री ने बताया इस विशेष दिन पर मां गौरी की पूजा करने से धन, सुख, समृद्धि और संतान की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं माता महागौरी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मां का स्वरूप, मंत्र और दुर्गा अष्टमी के बारे में.
चैत्र नवरात्रि 22 मार्च दिन बुधवार से शुरू हुआ नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन मां कुष्मांडा, पांचवें दिन मां स्कंदमाता, छठवें दिन मां कात्यायनी, सातवें दिन मां कालरात्रि और आठवें दिन मां महागौरी की पूजा होती है आज बुधवार को चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन है.
पंडित जितेंद्र शास्त्री के (Chaitra Navratri Ashtami Puja Vidhi Time) अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की अष्ट तिथि 28 मार्च को शाम 7:00 बजकर 2 मिनट पर शुरू हो गई है और आज यानी 29 मार्च को रात्रि 9:07 बजे तक है. ऐसे में दुर्गा अष्टमी व्रत और कन्या पूजन व्रत 29 मार्च 2023 के दिन किया जाएगा.
मां दुर्गा की अष्टम रूप माता महागौरी हैं. मां का यह रूप सौम्या सरल और मोहक है. इतना ही नहीं महागौरी के वस्त्र व आभूषण के रंग गौर है. माता बैल की सवारी करती हैं और इनकी चार भुजाएं हैं. दाहिनी भुजा में अभय मुद्रा और त्रिशूल हैं. बाय भुजा में डमरू और वरुण मुद्रा धारण करती हैं.
चैत्र नवरात्रि के अष्टमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है. इस दिन नौ कन्याओं को घर पर आमंत्रित करें. उनकी पूजा करें फिर सभी को हलवा, खीर और पूड़ी का भोग दें साथ में सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा देकर आदर पूर्वक घर से विदा करें. पंडित जितेंद्र शास्त्री के अनुसार चैत्र नवरात्रि के अष्टमी यानी दुर्गाष्टमी के दिन कन्या पूजा करने से मां भगवती प्रसन्न होती है. भक्तों के ऊपर दया दृष्टि बनाए रखती हैं.
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आज माता महागौरी का दिन है. मां को प्रसन्न करने के लिए ॐ देवी महागौर्यै नमः।। मंत्र का जाप करें. अगर 108 बार इस मंत्र का आप जाप नहीं कर पा रहे हैं तो कम से कम 5 बार या 11 बार कर सकते हैं.