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Chandrayaan 3 : चंद्रयान मिशन की सफलता में टीकरी निवासी किसान के बेटे की बड़ी भूमिका

भारत के चंद्रमा मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.टीकरी निवासी किसान के बेटे, वैज्ञानिक धर्मेंद्र प्रताप यादव भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ काम कर रहे हैं.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के एक छोटे से गांव के एक सरकारी स्कूल में इकट्ठा हुए सैकड़ों लोग उस समय नाचने लगे, जब चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरकर इतिहास रच दिया. टीकरी गांव के निवासियों के लिए यह एक विशेष अवसर था, क्योंकि उनके किसी अपने ने भारत के चंद्रमा मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.टीकरी निवासी किसान के बेटे, वैज्ञानिक धर्मेंद्र प्रताप यादव भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ काम कर रहे हैं.

मिशन के लिए सिग्नल संचारित किए

एक साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले धर्मेंद्र की यात्रा अकादमिक उत्कृष्टता की नजीर रही है. फिरोजाबाद में इंटरमीडिएट स्तर की शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने मथुरा के हिंदुस्तान कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक किया. बाद में पंजाब के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जालंधर से एमटेक पूरा किया. अगस्त 2011 में, उन्होंने इसरो में अपनी सपनों की नौकरी हासिल की. उनको चंद्रमा के इस मिशन के लिए सिग्नल संचारित करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई थी. 35 वर्षीय धर्मेंद्र प्रताप यादव पहले मंगलयान परियोजना से जुड़े थे.धर्मेंद्र का परिवार उनकी सफलता का प्रमाण है. उनके माता-पिता, शंभू दयाल यादव और कमला देवी, एक चाचा और अन्य रिश्तेदारों के साथ टिकरी गांव में रहते हैं. उनका छोटा भाई उपेन्द्र यादव बीटेक कर रहा है. उसकी बहन शादीशुदा ह. धर्मेंद्र खुद शादीशुदा हैं और अपनी पत्नी और बच्चे के साथ रहते हैं.

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मां बोली, बेटे पर गर्व, गांव शहर का नाम रोशन किया

धर्मेंद्र की मां कमला देवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके बेटे ने न सिर्फ भारत बल्कि फिरोजाबाद जिले और अपने गांव टीकरी का नाम भी रोशन किया है. पिता शंभू दयाल यादव ने कहा, ‘मुझे अपने बेटे पर गर्व है. उन्होंने न केवल अपने गांव का मान बढ़ाया है, बल्कि फिरोजाबाद जिले और पूरे देश का गौरव भी बढ़ाया है. चंद्रयान 3 मिशन अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की प्रगति में योगदान देने वाले व्यक्तियों की उल्लेखनीय प्रतिभा और समर्पण को रेखांकित करता है.’

वापसी पर भव्य स्वागत की योजना

टीकरी गांव के निवासियों ने धर्मेंद्र के परिवार के सदस्यों को फूलमालाएं पहनाईं. मिठाई वितरण देर शाम तक जारी रहा. लोग उनके माता-पिता को बधाई दे रहे थे. धर्मेंद्र के चचेरे भाई राहुल यादव ने कहा, ‘धर्मेंद्र ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एजेपी अब्दुल कलाम से प्रेरणा लेकर अपना वैज्ञानिक स्वभाव विकसित किया. वह दो महीने पहले घर आए थे और चंद्रयान 3 मिशन की सफलता और महत्व के बारे में बहुत आत्मविश्वास से बात की थी. पूरा गांव उनकी वापसी पर उनका भव्य स्वागत करने की योजना बना रहा है.

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