Lucknow News: उत्तर प्रदेश में दीपावली के मौके पर तेज हुई सियासी गतिविधियों पर सभी की नजरें हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में अयोध्या में जहां 9 नवंबर को कैबिनेट बैठक होने जा रही है, वहीं इसके एक दिन बाद 10 नवंबर को मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख लगभग तय हो गई है. योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अब तक कई बार कैबिनेट विस्तार की अटकलें लगाई जाती रहीं हैं. लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हुआ. इस बार लोकसभा चुनाव 2024 के समीकरण साधने के लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने कैबिनेट विस्तार को हरी झंडी दे दी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक सहित प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की बीते दिनों शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात के दौरान इस पर सहमति बनी है. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार देर शाम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की. कहा जा रहा है कि सीएम ने इस दौरान राज्यपाल से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा की, जिसकी तारीख 10 नवंबर तय की गई है. इसके साथ ही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान भी मंगलवार देर रात लखनऊ पहुंच गए. राजधानी में इन सियासी गतिविधियों के कारण कैबिनेट विस्तार की चर्चा को और बल मिला है. इसके साथ ही प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों से 9 और 10 नवंबर को लकर राजधानी में ही रहने को कहा गया है.
कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बीते सप्ताह गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात में मंत्रिमंडल विस्तार की सैद्धांतिक सहमति बन गई थी. केंद्रीय नेतृत्व ने सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान सहित एक दो अन्य चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल करने का निर्णय मुख्यमंत्री पर छोड़ा है. इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात के बाद चर्चा है 9 नवंबर को अयोध्या में कैबिनेट बैठक के बाद 10 नवंबर को मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है. इसमें ओमप्रकाश राजभर, दारा सिंह के अलावा लोकसभा चुनाव में जातीय समीकरण साधने के लिए एक दो नए चेहरों को जगह मिल सकती है.
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सियासी गलियारों में चर्चा है कि सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए नई दिल्ली में भाजपा नेतृत्व पर दबाव बनाया है. जुलाई में राजभर ने एनडीए में शामिल होने की घोषणा की थी. इसके बाद से राजभर योगी कैबिनेट में जगह पाने के लिए कई बार दिल्ली दरबार में बात कर चुके हैं. दारा सिंह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से भी कई दौर की मुलाकात कर चुके हैं.
इस बीच ये भी कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े कुछ पदाधिकारी और भाजपा के कुछ नेता मऊ जनपद की घोसी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में हार के बाद दारा सिंह को मंत्री बनाने के पक्षधर नहीं हैं. दारा सिंह के नाम पर सहमति नहीं बनने से ही इतने समय से मामला अटका रहा. उधर ओमप्रकाश राजभर अपने साथ दारा सिंह को भी मंत्री बनाना चाहते हैं. इस संबंध में वह कई बार बयानबाजी कर चुके हैं. ऐसे में लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर पूर्वांचल के नोनिया चौहान मतदाताओं को साधने के लिए दारा सिंह को शामिल किया जा सकता है. इसके साथ ही कैबिनेट विस्तार के बाद प्रदेश सरकार के कुछ मंत्रियों के विभाग भी बदल सकते हैं. सीएम मंत्रियों के डेढ़ वर्ष के प्रदर्शन के आधार पर उनके विभागों में बदलाव कर सकते हैं.
इसके साथ ही इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि उत्तर प्रदेश सरकार के कुछ मंत्रियों को भी लोकसभा चुनाव लड़ाया जाएगा. ऐसे में उनके चुनाव जीतने की स्थिति में इस्तीफा देने पर जुलाई में फिर मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है. हालांकि अभी ये सिर्फ अटकलें हैं. फिलहाल भाजपा का शीर्ष नेतृत्व और विशेष तौर पर अमित शाह यूपी की हर लोकसभा सीट पर विशेष तौर पर नजरें लगाए हुए हैं. उनकी कोशिश है कि मंत्रिमंडल विस्तार से लेकर नेताओं को अन्य जिम्मेदारी सौंपकर लोकसभा चुनाव 2024 के समीकरण साधे जा सकें. पार्टी विपक्ष के इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव एलायंस (I-N-D-I-A) को किसी भी सूरत में यूपी में सफल नहीं होने देना चाहती. इसलिए रणनीति बनाकर काम कर रही है.