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UP News: सीएम योगी ने लोगों को फैमिली आईडी के बारे जागरूक करने के दिए निर्देश, परिवार कल्याण ई-पासबुक भी बनेगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि फैमिली आईडी के आधार पर योजनाओं की मैपिंग कर परिवारों को दी जा रही योजनाओं को शामिल करते हुये परिवार कल्याण ई-पासबुक जारी करने की तैयारी करें. प्रदेश के हर परिवार के कम से कम एक सदस्य को नौकरी, रोजगार, सेवायोजन से जोड़ने के लिये फैमिली आईडी कार्यक्रम की लोगों को जानकारी दी जाए.

लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ ने फैमिली आईडी कार्यक्रम के बारे में लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने शुक्रवार को एक बैठक में कहा कि प्रदेश के हर परिवार के कम से कम एक सदस्य को नौकरी, रोजगार, सेवायोजन से जोड़ने के लिये लागू फैमिली आईडी कार्यक्रम के बारे में आमजन के बीच जागरूकता बढ़ाई जाए. अब तक प्राप्त 98,046 आवेदनों में से 41440 फैमिली आईडी जारी की जा चुकी हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि फैमिली आईडी के आधार पर योजनाओं की मैपिंग कर परिवारों को दी जा रही योजनाओं को शामिल करते हुये परिवार कल्याण ई-पासबुक जारी करने की तैयारी करें. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को नियोजन विभाग के कार्यों की समीक्षा और प्रदेश में सेक्टरवार पोटेंशियल को प्रोत्साहित करने के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठककर रहे थे.

सीएम योगी ने बैठक में कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हुए नियोजित और समन्वित प्रयासों का परिणाम है कि प्रदेश की वार्षिक आय में सतत बढ़ोतरी हो रही है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद ₹16,45,317 करोड़ थी, जो 2021-22 में लगभग 20% की बढ़ोतरी के साथ ₹19,74,532 करोड़ हो गई है. वहीं 2022-23 के लिए तैयार अग्रिम अनुमानों के आधार पर राज्य आय ₹21.91 लाख करोड़ से आंकलित हुई है. यह स्थिति संतोषप्रद है. $1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य के साथ सतत प्रयास जारी रखा जाए.

उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड और पूर्वांचल में विकास की अपार संभावनाएं हैं. हमें इन संभावनाओं को एक्सप्लोर करना होगा. विश्वविद्यालयों, तकनीकी संस्थाओं को इस महत्वपूर्ण कार्य से जोड़ें. कहां कौन से सेक्टर में प्रयास की आवश्यकता है, किस प्रकार की सहायता दी जानी चाहिए, इन सबका गहन अध्ययन कराया जाए. यह अध्ययन रिपोर्ट नियोजन विभाग में संकलित हों और उपयोगिता अनुसार उन्हें कार्ययोजना में शामिल किया जाए. बुंदेलखंड और पूर्वांचल के विकास के लिए आवंटित निधि का उपयोग बहुआयामी एवं दीर्घकालिक विकास को ध्यान में रखकर स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार हो.

सीएम योगी ने कहा कि आकांक्षात्मक जनपद कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के सभी चिन्हित जिलों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. नीति आयोग के डैशबोर्ड चैंपियंस ऑफ चेंज पर मई 2023 की सूचना के अनुसार समग्र रूप से देश के प्रथम 10 जनपदों में उत्तर प्रदेश के 06 जनपद आये हैं. इनमें बलरामपुर (01), सिद्धार्थनगर (02), सोनभद्र (04), चंदौली (05), फतेहपुर (08) तथा बहराइच (09) नंबर पर है.

इसी तरह स्वास्थ्य एवं पुष्टाहार विषयगत क्षेत्र में देश के प्रथम 10 जनपदों में उत्तर प्रदेश के 05 जनपद आये हैं. इसमें बलरामपुर (03), सिद्धार्थनगर (04), चंदौली (05), सोनभद्र (07), श्रावस्ती (08) नंबर पर है. शिक्षा विषयगत क्षेत्र में देश के प्रथम 10 जनपदों में उत्तर प्रदेश के 05 जनपद आये हैं. बलरामपुर (01), सोनभद्र (07), श्रावस्ती (08), सिद्धार्थनगर (09) एवं चित्रकूट ( 10 )वें स्थान पर है.

वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास विषयगत क्षेत्र में देश के प्रथम 10 जनपदों में उत्तर प्रदेश के 02 जनपद आये हैं. सिद्धार्थनगर (05) और फतेहपुर ( 10 )वें स्थान पर है. कार्यक्रम में अच्छी रैंक प्राप्त होने पर नीति आयोग ने प्रदेश के 08 महत्वाकांक्षी जनपदों को अतिरिक्त वित्तीय प्रोत्साहन भी प्राप्त दिया है. मुख्यमंत्री ने यह प्रयास सतत जारी रखने के निर्देश दिये हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आकांक्षात्मक विकास खंड कार्यक्रम शासन की प्राथमिकता में है. शासन स्तर से हर विकास खंड का सतत अनुश्रवण किया जा रहा है. मार्च 2022 से मार्च 2023 तक ओवरऑल डेल्टा रैंकिंग में जनपद कुशीनगर का बिशुनपुरा विकास खंड सर्वश्रेष्ठ रहा है. इसी प्रकार विषयगत क्षेत्र-वार डेल्टा रैंकिंग के अंतर्गत चिकित्सा एवं पोषण में मझगवां (बरेली), शिक्षा में वजीरगंज (बदायूँ), कृषि एवं जल संसाधन में भीटी (अंबेडकर नगर), वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास में फतेहगंज (बरेली) और इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट के इंडिकेटर पर सोहांव (बलिया) विकास खंड प्रथम स्थान पर रहा है.

ओवरऑल डेल्टा रैंकिंग में सर्वश्रेष्ठ विकास खंड को ₹2 करोड़ विषयगत क्षेत्र में प्रथम स्थान पर रहे विकास खंडों को ₹60-60 लाख का वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा. आकांक्षात्मक विकास खंडों में तैनात सीएम फेलो अच्छा कार्य कर रहे हैं. इनके प्रदर्शन/योगदान की मासिक रैंकिंग तैयार की जाए. आवश्यकतानुसार इनकी ट्रेनिंग भी कराई जाए. इस कार्यक्रम से शोधार्थियों को विकास के विभिन्न क्षेत्रों को समझने तथा उनमें सहयोग करने का सुअवसर प्राप्त हो रहा है. जो उनके भविष्य निर्माण में भी सहायक होगा.

यूपी के विकास के संबंध में दीर्घकालिक नियोजन के लिए स्टेट ट्रांसफार्मेशन कमीशन का सृजन किया गया है. कमीशन में सभी महत्वपूर्ण पदों पर योग्य विशेषज्ञों का चयन/नामांकन यथाशीघ्र कर इसे क्रियाशील किया जाए.

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