लखनऊ. उत्तर प्रदेश पुलिस अपराधियों के खिलाफ कोई रहम नहीं कर रही है. योगी सरकार में (छह साल) अब तक 179 अपराधियों को ढेर किया जा चुका है. बदमाशों के खिलाफ कुल 10814 मुठभेड़ हुई हैं. अपराधियों से लोहा लेते हुए 15 जवान शहीद हुए हैं. 1500 पुलिसकर्मी घायल हुए हुए हैं. 4950 अपराधियों को पुलिस ने मुठभेड़ में घायल किया है. यह कहना है उत्तर प्रदेश के पुलिस अपर महानिदेशक (ADGP) लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार का. एडीजीपी बुधवार को प्रेस कान्फ्रेंस कर योगी सरकार (पार्ट टू) का एक साल पूरा होने पर राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति और यूपी पुलिस की उपलब्धि गिना रहे थे.
माफिया- संगठित गिरोहों के खिलाफ की गयी कार्रवाई का ब्यौरा देते हुए एडीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि माफिया के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है. जब्तीकरण कार्रवाई के तहत गैंगेस्टर एक्ट और ध्वस्तीकरण तथा अवैध कब्जा से मुक्त संपत्ति की कुल धनराशि 2827 करोड़ है. माफिया को ठेके और अवैध व्यवसाय से होने वाली वार्षिक हानि 1420 करोड़ से अधिक की है.
चिह्नित माफिया और उनके गैंग के 1044 सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई हुई है. इसमें 590 पर अभियोग दर्ज किया गया है. 506 को गिरफ्तार किया गया है. माफिया और उनसे जुड़े 12 लोग पुलिस मुठभेड़ में मारे गये हैं. उल्लेखनीय सफललता में 48 लोगों को सजा दिलायी गयी है.इनमें माफिया और उनके लिये काम करने वाले लोग हैं. दो माफिया के सहयोगी को मृत्युदंड की सजा दिलायी है.
अपराधी- माफिया पर कार्रवाई में भेदभाव की बातों को नकारते हुए एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि जो माफिया चिह्नित किये गये हैं उनके चिह्नीकरण में कोई क्षेत्रीय या अन्य किसी तरह का पूर्वाग्रह नहीं है. सक्रिय और फील्ड से मिली सूची के आधार पर ही उनको चिह्नित किया गया है. धर्म-जाति आदि के आधार पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गयी. 11 माफिया की निगरानी डीजीपी मुख्यालय द्वारा की जा रही है.
डायल 112 पर सूचना मिलने पर छोटी से छोटी त्वरित कार्रवाई की जा रही है. रिस्पांस टाइम कम किया गया है. नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के ताजा आंकड़े के अनुसार क्राइम रेट में राज्य का स्थान 24 वां है. महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध में सख्ती से कार्रवाई की जा रही है. इसमें 16 वां स्थान है. डायल 112 में दो पहिया वाहनों को शामिल किया गया है. इसे और प्रभावी बनाने के लिये चरणवार विस्तार दिया जायेगा.
एडीजीपी प्रशांत कुमार ने दावा किया है कि वर्ष 2022 में राज्य में किसी भी तरह की सांप्रदायिक और कोई भी जातीय संघर्ष की बड़ी घटना नहीं हुई है. कोरोन खंड काल में प्रदेश में किसी भी तरह की कोई घटना नहीं हुई है. जबकि देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसा की सूचना मिली थी. इसका सबसे बड़ा कारण पुलिस की रिस्पांस टीम 112 है.