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I.N.D.I.A. गठबंधन में पड़ी गांठ, MP में सपा की अनदेखी से गुस्साए अखिलेश ने UP में कांग्रेस से तोड़ा नाता !

मध्य प्रदेश में आश्वासन के बाद भी कांग्रेस द्वारा सीट शेयरिंग नहीं किए जाने और यूपी अध्यक्ष के बयान के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस के नेता को चिरकुट बताते हुए ऐलान किया कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस से हाथ मिलाने पर पुनर्विचार करेगी.

लखनऊ : भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन, जिसे I.N.D.I.A. के नाम से भी जाना जाता है, में बड़ी दरार पड़ गई है.मध्य प्रदेश के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा समाजवादी पार्टी के साथ सीट शेयरिंग नहीं किए जाने से खफा समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को मौखिक ही सही लेकिन कांग्रेस को खुलकर नोटिस दे दिया. भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (I.N.D.I.A.)में सपा सहयोगी दल है. अखिलेश द्वारा कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करने के बाद उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव में गठबंधन के टूट जाने की संभावना बलबती हो गई है. सपा नेता के बयान के एनडीए के घटक दलों ने I.N.D.I.A. हमला तेज कर दिया है. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर I.N.D.I.A.के अन्य दलों को “बेवकूफ” बनाने का आरोप लगाया है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, ” पूर्व में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस नेता ने बैठक बुलाई थी, जिसमें हमने उन्हें समाजवादी पार्टी की पूरी रिपोर्ट दिखाई. रात 1 बजे तक समाजवादी पार्टी के नेताओं को उन्होंने जगाया और आश्वासन दिया कि हम 6 सीटों पर विचार करेंगे लेकिन जब सीटें घोषित की गईं तो समाजवादी पार्टी शून्य रही. अगर मुझे पहले पता होता कि विधानसभा स्तर पर INDIA का कोई गठबंधन नहीं है तो हम उसमें कभी मिलने नहीं जाते.समाजवादी पार्टी के साथ जैसा व्यवहार होगा वैसा व्यवहार उनको (कांग्रेस) देखने को मिलेगा.” सपा नेता ने कहा कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस से हाथ मिलाने पर पुनर्विचार करेगी.

सपा ने मध्य प्रदेश की 18 सीटों पर कांग्रेस के खिलाफ उम्मीदवार उतारे

भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन में राष्ट्रीय स्तर पर सहयोगी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने मध्य प्रदेश की 18 सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतारे हैं. इस घटनाक्रम से आगामी विधान सभा चुनाव में भाजपा विरोधी वोटों के विभाजित होने और राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के हाथों में जाने की उम्मीद है.अखिलेश यादव ने संवाददाताओं से सीतापुर में बातचीत करते हुए कहा, ” हमने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री (कमलनाथ, जो अब पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख हैं) से बात की.” उन्होंने पार्टी के प्रदर्शन पर चर्चा की. “हमने उन्हें बताया कि हमारे विधायक पहले कहां जीते थे. उन्हें बताया कि हम पहले कहां नंबर 2 पर थे.”उन्होंने उम्मीदवारों की घोषणा की तो सपा के लिए कुछ भी नहीं था. अगर मुझे पता होता तो हमने कांग्रेस से बात नहीं की होती. ”लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन के बारे में सोचेंगे. वे हमारे साथ जैसा व्यवहार करेंगे, हमारा व्यवहार वैसा ही होगा।”

कांग्रेस के चिरकुट नेताओं को सपा के बारे में नहीं बोलना चाहिए …

कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के लिए नवरात्रि के पहले दिन 144 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी. आठ घंटे बाद समाजवादी पार्टी ने अपने नौ उम्मीदवारों के नाम जारी किए, जहां पांच सीटों पर ओवरलैप हुआ. बुधवार की शाम सपा ने अन्य 22 उम्मीदवारों की घोषणा की, जिनमें से 13 विभिन्न सीटों पर कांग्रेस के खिलाफ खड़े थे. कांग्रेस के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की ओर से कुछ तल्ख टिप्पणी के बाद मामला और बिगड़ गया. अजय राय ने कहा था कि सपा का मध्य प्रदेश में कोई जमीनी समर्थन नहीं है और उसे वहां चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके अलावा कांग्रेस उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. इससे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नाराज हो गये थे.

कांग्रेस के लोग भाजपा के साथ, सपा नेताओं को कमल नाथ, दिग्विजय सिंह के पास नहीं भेजता : अखिलेश

अखिलेश यादव ने कहा, ”मैं कांग्रेस से कहना चाहता हूं कि उनके चिरकुट नेताओं को सपा के बारे में नहीं बोलना चाहिए. ये कांग्रेस के लोग भाजपा के साथ हैं. अगर मुझे पता होता कि राज्य स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है, तो मैं सपा नेताओं को कमल नाथ, दिग्विजय सिंह के पास नहीं भेजता. बुधवार को कमल नाथ ने कहा कि राज्य स्तर पर गठबंधन को लेकर सपा के साथ बातचीत अभी भी जारी है. उन्होंने कहा, ”व्यावहारिक गड़बड़ियां” भी थीं. “हमारे उम्मीदवार सपा के चुनाव चिन्ह पर लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं, भले ही सपा कहती है कि वह अपने चुनाव चिन्ह पर हमारे उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के लिए तैयार है. ऐसी स्थिति में, हम क्या करेंगे? ये जमीन पर व्यावहारिक पहलू हैं . ” कमल नाथ ने हालांकि यह भी कहा है कि चुनाव में भाजपा को हराने की जरूरत पर पार्टी (कांग्रेस) अखिलेश यादव से सहमत है. वह कहते हैं, “हम चाहते हैं कि सपा बीजेपी को हराने में हमारी मदद करे. मैं अखिलेश यादव को धन्यवाद देता हूं, क्योंकि उनका लक्ष्य बीजेपी को हराना है. उन्होंने यह बात मुझे निजी तौर पर बताई थी.”

क्या है भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (I.N.D.I.A.) ?

भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन, जिसे आमतौर पर इसके संक्षिप्त नाम I.N.D.I.A. से जाना जाता है, 2024 के लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए 26 पार्टियों के नेताओं द्वारा घोषित एक विपक्षी मोर्चा है. नाम बेंगलुरु में एक बैठक के दौरान प्रस्तावित किया गया था और 26 भाग लेने वाले दलों द्वारा सर्वसम्मति से अपनाया गया था. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के अनुसार, गठबंधन की विचारधारा विकासवाद, समावेशिता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के इर्द-गिर्द घूमती है. I.N.D.I.A. का दावा है कि इसके सदस्य दलों का उद्देश्य लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करना, कल्याण और प्रगति को बढ़ावा देना और उस विचारधारा का मुकाबला करना है जो भारत के विचार को खतरे में डालती है. इसका गठन आगामी 2024 के आम चुनाव में वर्तमान सत्तारूढ़ नरेंद्र मोदी की भाजपा नीत एनडीए को हराने के उद्देश्य से किया गया था. इसकी पहली बैठक बिहार के पटना,दूसरी बंगलूरू, कर्नाटक तथा तृतीय बैठक जो हाल ही में हुई है वह महाराष्ट्र के मुम्बई में आयोजित की गई थी.

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