लखनऊ: यूपी में कोरोना (Corona) बेकाबू हो रहा है. खासतौर से पांच जिलों गौतमबुद्ध नगर (Noida), लखनऊ (Lucknow), मेरठ (Meerut), झांसी (Jhansi), गाजियाबाद (Ghaziabad) में कोरोना का पॉजिटिविटी रेट चिंताजनक है. इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यूपी (Uttar Pradesh) सरकार को पत्र लिखा है. साथ ही टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, टीकाकरण और कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने के निर्देश जारी किये हैं. जिससे कोविड-19 के प्रसार को रोका जा सके.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश भर में 20 अप्रैल तक कुल 10226 कोरोना संक्रमण के केस दर्ज किये गये हैं. इस दौरान कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी रेट (Positivity Rate) 5.5 प्रतिशत दर्ज की गयी है. यह दर पिछले सप्ताह की रिपोर्ट 4.7 प्रतिशत से अधिक है और चिंताजनक है. हालांकि अस्पताल में भर्ती होने और मरीजों की मौत की दर में कमी बनी हुई है.
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार यूपी सहित आठ राज्य ऐसे हैं, जहां कोरोना की पॉजिटिविटी रेट (Positivity Rate) अधिक है. यूपी में 13 अप्रैल को समाप्त हुये सप्ताह में 279 केस मिले थे. जबकि 20 अप्रैल को खत्म समाप्त हुये सप्ताह में केस की संख्या 696 दर्ज की गयी है. इन आंकड़ों को देखें तो यूपी में कोरोना की पॉजिटिविटी रेट (Positivity Rate) 19 अप्रैल तक 2.19 प्रतिशत है. जो कि देश के औसत 5.5 प्रतिशत से कम है.
लेकिन चिंताजनक बात यह है कि गौतमबुद्ध नगर में पॉजिटिविटी रेट 22.30 प्रतिशत है. वहीं लखनऊ में 8.9 प्रतिशत, मेरठ में 7 प्रतिशत, झांसी में 6.5 प्रतिशत, गाजियाबाद में 6 प्रतिशत है. इसलिये जरूरी है कि यूपी में टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, टीकाकरण और कोविड (Test, Track, Treat, Vaccination, Covid Appropriate Behaviour) उपयुक्त व्यवहार का पालन किया जाये.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यूपी सरकार को लिखे पत्र में निर्देश दिये हैं कि सभी जिलों में कोविड-19 निगरानी को मजबूत करें. इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी सर्दी-जुखाम, बुखार (ILI) और एसएआरआई (SARI) मामलों की निगरानी की जाये. इसके अलावा इसकी रिर्पोटिंग आईडीएसपी-आईएचआईपी (IDSP-IHIP) नेटवर्क के माध्यम से इसकी रिपोर्टिंग की जाये.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी जिलों में आरटी-पीसीआर (RTPCR)और एंटीजन टेस्ट (Antigen) जांच करने के निर्देश दिये हैं. खासतौर से ऐसे क्षेत्र जो हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित हो रहे हैं. इसके अलावा इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (ILI) और एसएआरआई (SARI) मामलों में आरटी-पीसीआर (RTPCR)और एंटीजन टेस्ट (Antigen) जांच जरूर की जाये. सभी नये कोरोना पॉजिटिव केस की जीनोम सीक्वेंसिंग (Genomic Sequencing) कराने के निर्देश भी स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिये हैं.
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अस्पताल में कोरोना के इलाज की व्यवस्था की जाये
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ब्लॉक स्तर पर जरूरी दवाओं और उपकरणों की उपलब्धता बनायी जाये
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इलाज के प्रशिक्षित लोगों को लगाया जाये
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प्रिकॉशन डोज लेने के लिये लोगों को जागरूक किया जाये
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लक्षणों और जांच के साथ ही लोगों को जागरूक किया जाये
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कोरोना से बचाव के संसाधनों का इस्तेमाल बढ़ायें
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भीड़भाड़/खराब हवादार वातावरण से बचें
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भीड़भाड़ में मास्क का उपयोग बढ़ाया जाये