Lucknow: उत्तर प्रदेश के देवरिया में भटनी के उसका गांव में शाम अंडा फार्म के पास चारपाई पर सो रहे 11 माह के मासूम को एक कुत्ता खेत में लेकर चला गया. वहां पर कुत्ते ने मासूम को नोंचकर मार डाला. मासूम के चीखने पर माता-पिता कुत्ते के पीछे दौड़े तो कुत्ता बच्चे को मुंह में दबाकर भागने लगा. कुछ देर बाद उसने बच्चे को खेत में छोड़ दिया. इस हृदयविदारक घटना के बाद मां-पिता बदहवास हैं. इकलौते बेटे की मौत के बाद दोनों अपने गांव कन्नौज चले गए. घटना के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल है. लोग आवारा कुत्तों के आतंक से भयभीत हैं.
दरअसल, भटनी थाना क्षेत्र के उसका गांव में विशाल सिंह अंडा फार्म चलाते हैं. फार्म पर कन्नौज के रहने वाले नीरज कुमार अपनी पत्नी किरन व बच्चे के साथ रहकर दो महीने से मजदूरी करते हैं. मंगलवार की शाम नीरज व उनकी पत्नी किरन करीब 11 माह के बेटे लल्ला को चारपाई पर लिटाकर फार्म का काम कर रहे थे. तभी एक कुत्ता आया और मासूम को चारपाई से उठा लिया.
बच्चे के रोने की आवाज सुनकर माता-पिता कुत्ते के पीछे बदहवास होकर दौड़ने लगे. तभी एक कुत्ता बच्चे को लेकर खेत में चला गया और नोंच-नोंच कर मार डाला. लोग बच्चे को लेकर सीएचसी पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. घटना के बाद माता-पिता सदमे में हैं। दोनों दुःखी मन से रात में ही कन्नौज के लिए रवाना हो गए. घटना के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल हो गया है.
एसओ डॉ. महेंद्र कुमार ने बताया कि उसका गांव में कुत्ते के काटने से मासूम की मौत होने की जानकारी मिली है. परिजन अपने घर चले गए हैं. अगर मामले में तहरीर मिलती है तो जांच की जाएगी. जबकि फार्म मालिक विशाल सिंह ने बताया कि दो महीने पूर्व ही कन्नौज के रहने वाला दंपति अंडा फार्म पर कार्य करने आए थे. मंगलवार को हुई घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है. इससे सबक लेकर सुरक्षा के प्रति सतर्क रहा जाएगा.
कुछ दिन पहले भटनी क्षेत्र के छपिया जयदेव में पिता के पीछे-पीछे जा रहे एक मासूम पर कुत्तों की झुंड ने हमला बोल दिया था. कुत्तों ने बच्चे को बुरी तरह नोंच कर घायल कर दिया. मासूम को उपचार के लिए उसे बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर में भर्ती कराया गया, जहां हालत गंभीर होने पर बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर रेफर कर दिया गया.
बता दें कि छपिया जयदेव के रहने वाले संकटा गोंड रविवार की सुबह अपने खेत में दवा डालने के लिए जा रहे थे. पिता को जाता देख उनका छह वर्षीय बेटा आयुष भी पीछे-पीछे चल दिया. इसकी भनक न तो पिता को लगी और न ही परिवार के अन्य सदस्यों को. गांव के बाहर पहुंचते ही आधा दर्जन से अधिक संख्या में कुत्तों ने एक साथ मासूम पर हमला बोल दिया और नोचना शुरू कर दिया.
मासूम के चीखने के बाद आसपास के लोग दौड़े तो कुत्ते छोड़ कर भाग गए, लेकिन तब तक आयुष गंभीर रूप से घायल हो गया था. उपचार के लिए स्वजन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां से महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज भेज दिया गया, यहां से भी बीआरडी मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया. ग्रामीणों का कहना है कि दो दिन पहले कुत्तों ने एक बकरी को भी काट कर मार डाला था.