Lucknow: प्रदेश में कई आरोपों से घिरे डीआईजी जेल पर डिमोशन की गाज गिर गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर डीआईजी जेल शैलेंद्र मैत्रेय को पदावनत कर दिया गया है. वह अब डीआईजी से वरिष्ठ जेल अधीक्षक बना दिए गए हैं. इस संबंध में प्रमुख सचिव कारागार ने आदेश जारी कर दिए. इसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप है. सीएम योगी के सख्त रवैये के बाद भ्रष्टाचार और अन्य मामलों में आरोपी अफसरों को अपने पर भी गाज गिरने का डर सता रहा है.
कारागार एवं होमगार्ड्स राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि प्रदेश सरकार में किसी प्रकार की अनियमितता एवं भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे. चित्रकूट मामले में कार्रवाई इसका ताजा प्रमाण है. खास बात है कि शैलेंद्र मैत्रेय को नियम विरुद्ध पदोन्नत करने का आरोप है. उनकी पदोन्नति शासन को करनी थी पर विभागीय अधिकारियों ने उन्हें मई 2022 में वरिष्ठ जेल अधीक्षक से डीआईजी बना दिया. इसके बाद वह सुर्खियों में थे.
मामले की शिकायत होने पर जांच कराये जाने पर आरोप सही पाए. शैलेंद्र मैत्रेय को वर्ष 2007 में बस्ती जेल का अधीक्षक रहने के दौरान निलंबित किया गया था. जेल में बंद सपा के तत्कालीन जिलाध्यक्ष रामवृक्ष यादव ने अपने जन्मदिन पर जश्न मनाया था. इसकी जांच में जेल अधीक्षक शैलेंद्र मैत्रेय की भूमिका संदिग्ध मिलने पर शासन ने उनको निलंबित कर दिया. शासन के फैसले के खिलाफ उन्होंने ट्रिब्यूनल में अपील की, जिसने उनके दंड आदेश को निरस्त कर दिया.
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इसके बाद राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपील की जहां शासन के दंड आदेश को बहाल कर दिया गया. इसके बावजूद जेल विभाग के अफसरों ने उनको प्रोन्नत कर दिया. वहीं कुछ समय पहले राजधानी लखनऊ जेल में बंद शाइन सिटी के आरोपियों के पॉवर ऑफ अटॉर्नी करने के मामले की जांच शैलेंद्र मैत्रेय को दी गयी थी. इस मामे में उन पर आरोपियों की मदद करने का आरोप लगा. इसके के बाद मामले की जांच दूसरे अधिकारी को दे दी गई. इस तरह शैलेंद्र मैत्रेय लगातार किसी न किसी विवाद के कारण सुर्खियों में रहे.
इसके बाद शैलेंद्र मैत्रेय ने हाल ही में चित्रकूट जिला कारागार जाकर विधायक अब्बास अंसारी और उसकी पत्नी की गैरकानूनी तरीके से होने वाली मुलाकात के प्रकरण की जांच की. उन्होंने अपनी रिपोर्ट डीजी जेल को सौंपी थी, जिसमें चित्रकूट जेल के कई अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दोषी ठहराया गया. इसके बाद विवादों से घिरे अफसर से ही जांच कराने को लेकर कई सवाल उठे. वहीं अब डीआईजी के तौर पर जांच करने वाले शैलेंद्र मैत्रेय को ही वरिष्ठ जेल अधीक्षक बना दिया गया है.