लखनऊ: यूपी में गुरुवार रात 10 बजे से हड़ताल पर जाने वाले बिजली कर्मियों पर ‘एस्मा’ के तहत कार्रवाई होगी. यदि कर्मचारियों ने कार्य बाधित करने की कोशिश की तो ‘रासुका’ के तहत कार्रवाई की जाएगी. हड़ताल पर जाने वाले संविदा कर्मियों को कार्य मुक्त किया जाएगा. ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बिजली कर्मियों की प्रस्तावित हड़ताल से कुछ घंटे पहले शक्ति भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में यह ऐलान किया है.
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि हड़ताल पर जाने वाले कुछ सुनने को तैयार नहीं हैं. ऐसी किसी हड़ताल से जनता को तकलीफ होती है. हम समझाने और बातचीत का रास्ता खोले हुए हैं. विभाग में एस्मा भी लागू किया गया है. जनता को परेशानी हुई तो हम एस्मा के तहत कार्रवाई करेंगे. बहुत सारे कर्मचारी काम करना चाहते हैं. कर्मचारियों को रोकने वालों पर हम कार्रवाई करेंगे. मुख्य सचिव, डीजीपी और एसीएस ने प्रदेश भर में अलर्ट किया है.
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि कर्मचारी नेताओं से गुरुवार को भी 2 घंटे बातचीत की लेकिन हल नहीं निकला. हमने सभी व्यवस्थाएं हमने करके रखी हैं. जनता से भी हम सहयोग की उम्मीद करते हैं. उन्होंने कहा कि 3 दिसंबर 2022 के समझौते में 13 नंबर के बिंदु पर भी हम काम कर रहे हैं. विद्युत निगम करीब 1 लाख करोड़ के घाटे में है. ऐसी स्थित में बोनस देने का औचित्य नहीं था.
मंत्री एके शर्मा ने कहा कि बातचीत के बाद हमने 1 वर्ष का बोनस दिलाया. कैशलेस इलाज की व्यवस्था भी की जा रही है. वेतन के स्लैब को लेकर भी सुधार पर काम चल रहा है. जो संगठन हमारी बात को समझे उनको धन्यवाद. कई संगठनों ने हड़ताल से अलग रहने का निर्णय लिया है. ऑफिसर्स एसोसिएशन ने 2 घंटे एक्स्ट्रा काम करने की बात कही है. कार्य करने वालों का स्वागत है.
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि विद्युत संघर्ष समिति के प्रस्तावित 72 घंटे के कार्य बहिष्कार एवं विद्युत व्यवधान पैदा करने के संबंध में विभाग पूरी तरह से तैयार है. जनहित की दृष्टि से किसी भी परेशानी से निपटने के लिए एसेंसियल सर्विसेज मेन्टीनेन्स एक्ट (ESMA) के प्राविधान को प्रदेश भर में लागू किया गया है. हड़ताल करने वाले एवं विद्युत संघर्ष समिति को भी इसकी जानकारी दे दी गयी है. अत्यावश्यक सेवाओं में शामिल विद्युत की सुचारू व्यवस्था में किसी भी प्रकार का व्यवधान डालने पर जनता को परेशानी हुई, तो एस्मा के तहत कार्रवाई होगी. जिसमें 01 वर्ष तक की सजा का भी प्रावधान है.
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि उप्र पॉवर आफिसर्स एसोसिएशन, विद्युत मजदूर पंचायत संघ, विद्युत संविदा कर्मचारी महासंघ, उप्र राज्य विद्युत परिषद नेता कर्मचारी संघ, प्रमोटेड पॉवर इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन, विद्युत तकनीकी कर्मचारी संयुक्त संघ और अन्य कर्मचारी संगठन जिन्होंने लोगों की तकलीफों को समझकर इस हड़ताल से दूर रहने का फैसला किया हैं, सरकार उन्हें सुरक्षा देगी.
ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि विद्युत संघर्ष समिति की प्रस्तावित 72 घंटे की हड़ताल के दौरान विशेष सतर्कता बरतें. शक्तिभवन में स्थापित कंट्रोल रूम से 24 घंटे इसकी मानीटरिंग भी करें. 1912 में आ रही शिकायतों का तत्परता से संज्ञान लिया जाये. साथ ही सोशल मीडिया, समाचार पत्र, इलेक्ट्रानिक मीडिया से आने वाली खबरों पर भी विशेष नजर रखने के निर्देश उन्होंने दिया. एके शर्मा ने शक्तिभवन में स्थापित कंट्रोल रूम का भी निरीक्षण किया.