लखनऊ: इटावा लायन सफारी में जन्में शावकों की जान पर बन आयी है. शेरनी सोना दो शावकों को दूध नहीं पिला रही है. इसके चलते लायन सफारी प्रबंधन शावकों को बाहर से दूध पिला रहा है. जिससे शावकों को बचाया जा सके. शेरनी सोना ने 6 जुलाई से 10 जुलाई के बीच पांच शावकों को जन्म दिया था. इनमें से दो मृत पैदा हुए थे. जबकि एक शावक की जन्म लेने की बाद मौत हो गयी थी. दो शावक अभी जिंदा हैं.
इटावा लायन सफारी प्रबंधन के अनुसार सोना ने शावकों को दूध पिलाना छोड़ दिया है. इसके चलते उन्हें बाहर के 10 एमएल दूध की खुराक देनी शुरू की गयी थी. अब इसे बढ़ाकर 20 एमएल कर दिया गया है. साथ ही दोनों शावकों को नियोनेटल सेंटर (NICU) में रखा गया है. जिससे उनकी 24 घंटे निगरानी की जा सके. शावकों की आंखें भी बंद हैं. जो लगभग 15 दिन में खुलती हैं.
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इटावा लायन सफारी में शेरनी सोना ने 6 जुलाई को एक शावक को जन्म दिया था. 9 जुलाई को शेरनी ने दो शावकों को जन्म दिया. दो शवकों में एक मृत पैदा हुआ था. वहीं दूसरा कमजोर था, जिसके चलते उसकी भी मौत हो गयी. इसके बाद 10 जुलाई को भी एक शावक मृत पैदा हुआ. इस तरह 6 जुलाई से 10 जुलाई तक तक पांच शावकों ने जन्म लिया. इनमें से 6 जुलाई और 9 जुलाई को जन्मा शावक जिंदा हैं.
इटावा लोयन सफारी में शावकों की मौत की सूचना के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ट्वीट करके इस पर दु:ख जताया. उन्होंने लिखा था कि ‘इटावा लॉयन सफ़ारी में 3 शावकों की दु:खद मौत की ज़िम्मेदारी तत्काल निर्धारित हो. अनुभवहीन-अदक्ष नेतृत्व को बदला जाए क्योंकि गर्भवस्था की पूर्वसूचना के बाद भी देखरेख में लापरवाही बरती गयी. न तो प्रक्रिया का पालन किया गया, न IVRI बरेली व CZA को बताकर पोस्टमार्टम व अंतिम क्रिया हुई.’
लायन सफारी प्रबंधन के अनुसार शेरनी का शावकों को दूध न पिलाना चिंताजनक है. कई बार ऐसा होता है कि शेरनी शावकों को छोड़ देती है. यह ऐसा ही एक वाकया है. विशेषज्ञ डॉक्टर शावकों की पूरी देखभाल कर रहे हैं.