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यूपी में अब सभी गिरफ्तार मुजरिमों के लिए जाएंगे फिंगर प्रिंट, डाटाबेस होगा तैयार, एक क्लिक में खुलेगी कुंडली

पुलिस अफसरों के मुताबिक अगर अपराधी किसी वारदात को अंजाम देकर फरार होता है तो वहां मिले फिंगर प्रिंट की बदौलत उसका पता लगाने में इससे सफलता मिलेगी. फिंगर प्रिंट का डाटाबेस तैयार होने से सभी अपराधियों की कुंडली पुलिस के पास पहले से मौजूद होगी, इससे बड़ी वारदातों के खुलासे में भी मदद मिलेगी.

Lucknow: यूपी में अब क्लिक पर अपराधी की कुंडली पुलिस के सामने होगी. अपराधी कोई भी हो और कहीं भी हो, उसकी जानकारी पुलिस को तुरंत मिल जाएगी. सभी गिरफ्तार अपराधियों का फिंगर प्रिंट लेकर ये डाटाबेस तैयार किया जाएगा.

पुलिस अफसरों के मुताबिक अगर अपराधी किसी वारदात को अंजाम देकर फरार होता है तो वहां मिले फिंगर प्रिंट की बदौलत उसका पता लगाने में इससे सफलता मिलेगी. फिंगर प्रिंट का डाटाबेस तैयार होने से सभी अपराधियों की कुंडली पुलिस के पास पहले से मौजूद होगी, इससे बड़ी वारदातों के खुलासे में भी मदद मिलेगी. साथ ही अपराधियों के मामले में थाना और राज्यों की पुलिस एक दूसरे से महत्वपूर्ण जानकारी साझा कर सकेगी. इससे अपराधियों में भी पुलिस का खौफ होगा और उनके बच निकलने की संभावना कम हो जाएगी.

पुलिस महानिदेशक डॉ. आरके विश्वकर्मा ने कार्यभार संभालते ही अपराध नियंत्रण को लेकर नए सिरे से फोकस करना शुरू कर दिया है. उन्होंने अपराधियों का डाटाबेस तैयार कराने पर खास जोर दिया है. इसी को लेकर ये नई पहल की जा रही है. देश के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय रहकर अपराध करने वाले शातिरों पर नकेल कसने के लिए नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) ने राष्ट्रीय स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली (NAFIS) तैयार की है. पुलिस महानिदेशक ने इसका अब प्रभावी तरीेके से पालन किया जाने को कहा गया है.

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इसके तहत जिस भी अपराधी का विवरण पहले से दर्ज होगा, उसका फिंगर प्रिंट लेते ही पूरी आपराधिक कुंडली सामने आ जाएगी. अभी तक सजायाफ्ता अपराधियों का ब्यौरा कागजों पर एकत्रित किया जाता था. जेल जाने पर उसकी फोटो और उंगलियों के निशान लिए जाते थे. अब ये प्रक्रिया डिजिटल कर दी गई है. अभी तक कई अपराधी अलग अलग हिस्सों में वारदात के बाद फरार हो जाते हैं. एक ही जगह पर अपराध नहीं करने के कारण स्थानीय स्तर पर उनकी धड़पकड़ करने में काफी मुश्किल होती है. अलग अलग जगह पकड़े जाने पर वह अपना नाम पहचान गलत बताकर पुलिस को चकमा देने में सफल होते हैं. साथ ही उनके पुरानी आपराधिक वारदातों की भी जानकारी नहीं मिल पाती है.

ऐसे में अब फिंगर प्रिंट होने के कारण ये शातिर पुलिस को धोखा नहीं दे पाएंगे. इनकी गिरफ्तारी होते ही पुलिस के सामने इनका पूरा रिकार्ड सामने आ जाएगा. बताया जा रहा है कि गिरफ्तार होने वाले अपराधियों को कोर्ट में पेश करने से पहले पुलिस उसका फिंगर प्रिंट लेगी. सभी अपराधियों के मामले में इस प्रक्रिया का पालन करना जरूरी होगा. इस तरह कई बड़ी वारदातों का खुलासा होने में भी मदद मिलेगी.

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