प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉड्रिंग मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के कई ठिकानों पर बुधवार को छापेमारी (gayatri Prajapati , Enforcement Directorate raid) की. छापेमारी में ईडी को कुल 11 लाख रुपये के पुराने नोट मिले हैं. इसके अलावा ईडी ने 5 लाख रुपये के सादे स्टाम्प पेपर, डेढ़ लाख रुपये कैश और सौ से अधिक बेनामी संपत्तियां बरामद की है. ईडी की छापेमारी के बाद प्रजापति की मुश्किलें बढ चुकी है.
दरअसल, केन्द्रीय जांच एजेंसी ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत लखनऊ, कानपुर और अमेठी में सात जगह छापेमारीकी. कानपुर में प्रजापति के चार्टर्ड अकाउंटेंट, अमेठी में ”बेनामी संपत्ति धारकों” और राज्य की राजधानी लखनऊ में प्रजापति के आवास तथा कार्यालय में तलाशी ली.
जेल में हैं प्रजापति : आपको बता दें कि पूर्व मंत्री प्रजापति और अन्य पर एक महिला से बलात्कार और उसकी नाबालिग बेटी के उत्पीड़न के प्रयास का आरोप है. प्रजापति को 15 मार्च 2017 में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. फिलहाल लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल में उनका विभिन्न बीमारियों का इलाज चल रहा है. ईडी, अखिलेश यादव नीत समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे प्रजापति पर अचल संपत्ति रखने के आरोपों की जांच कर रही है.
ईडी ने मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज किया : ईडी की जांच प्रजापति और अन्य के खिलाफ अवैध रेत खनन मामले में पिछले साल सीबीआई द्वारा दायर दो प्राथमिकियों से संबंधित है. प्रजापति और राज्य के चार आईएएस अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया था, जिसके आधार पर ईडी ने मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज किया. सीबीआई ने इस मामले में तत्कालीन प्रधान सचिव जीवेश नंदन, विशेष सचिव संतोष कुमार और तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट अभय और विवेक के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
ईडी को क्या मिला? : ईडी को छापेमारी में जो दस्तावेज मिले हैं, उनसे यह बात सामने आई कि प्रजापति की लखनऊ, कानपुर, मुंबई, सीतापुर सहित छह से ज्यादा शहरों में संपत्ति है. दावा है कि यह सारी संपत्ति खनन की कमाई से बनाने का काम उन्होंने किया. प्रवर्तन निदेशालयकी मानें तो, कई बेनामी संपत्तियों में निवेशकरने का काम किया गया है जो करीबी रिश्तेदारों, निजी सहायकों और ड्राइवरों के नाम पर ली गई हैं.
पीटीआई इनपुट के साथ
Posted By : Amitabh Kumar