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High Court: जेल की सलाखों से बाहर आएगा गायत्री प्रजापति, बेटी की शादी के लिए मिली एक सप्ताह की पैरोल

पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से राहत मिली है. कोर्ट ने बेटी की शादी के लिए गायत्री प्रजापति को एक सप्ताह की पैरोल मंजूर कर दी है. अदालत ने तीन शार्ट टर्म जमानत याचिकाओं की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.

Lucknow: पूर्व मंत्री गायत्री प्रजा​पति एक सप्ताह के लिए जेल की दुनिया के बाहर खुली हवा में सांस ले सकेगा. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को एक सप्ताह की पैरोल दी है. गायत्री प्रजापति को बेटी की शादी में शामिल होने के लिए ये पैरोल मिली है. इसका समय पूरा होते ही उसे कोर्ट में सरेंडर कर फिर जेल जाना होगा.

तीन शॉर्ट टर्म जमानत याचिकाओं पर हुई सुनवाई

न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने गायत्री प्रजापति की ओर से दाखिल तीन शॉर्ट टर्म जमानत याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. इन तीन याचिकाओं में से दो याचिकाएं गायत्री प्रजापति के खिलाफ गाजीपुर तथा गोमती नगर विस्तार थाने में दर्ज मामलों और एक याचिका ईडी के मुकदमे से संबंधित थी.

पांच मार्च को है बेटी की शादी

गायत्री प्रजापति की ओर से शॉर्ट टर्म जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान न्यायालय को बताया गया कि पांच मार्च को उसकी बेटी का विवाह है. ऐसे में पिता की हैसियत से कई रस्मों के दौरान उसका रहना अनिवार्य है. इसके लिये उसे 56 दिनों की शॉर्ट टर्म जमानत पर रिहा किया जाए.

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अभियोजन पक्ष ने शॉर्ट टर्म जमानत का किया विरोध

वहीं राज्य सरकार की ओर से अभियोजन पक्ष ने इन याचिकाओं का विरोध किया. राज्य सरकार की ओर से दलील दी गई कि गायत्री प्रजापति के खिलाफ नौ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. ऐसे में उसे शॉर्ट टर्म जमानत पर भी रिहा नहीं किया जाना चाहिए. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की एकल पीठ ने सात दिनों के लिए गायत्री प्रजापति की जमानत मंजूर करने का आदेश दिया.

दुष्कर्म केस में महिला-बेटी की जमानत याचिका हो चुकी है खारिज

इससे पहले कोर्ट गायत्री प्रजापति के खिलाफ दुष्कर्म केस दर्ज कराने वाली महिला-बेटी की जमानत याचिका खारिज कर चुका है. आरोप है कि युवती और उसकी मां ने प्रजापति के पक्ष में बयान देने के बदले करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी और कैश ले लिया था. बाद में दोनों अपने वकील को ही ब्लैकमेल करने लगी थीं. उधर, महिला का आरोप था कि वकील ने ही गायत्री प्रजापति के पक्ष में बयान कराने से इनकार कर दिया था. यही नहीं, इसकी वजह से उन्होंने वकील की फीस नहीं दी और और उसे झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी थी.

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