Lucknow: राजधानी लखनऊ में बीते कुछ दिनों में एच3एन2 इन्फ्लूएंजा (H3N2 Virus) वायरस के मामलों में इजाफा हुआ है. सरकारी अस्पतालों में इससे संबंधित मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड पर आ गया है. आम लोग जहां इससे डरे हुए हैं, वहीं सरकार की ओर से कहा गया है कि स्थिति नियंत्रण में है और सभी मरीजों को उचित इलाज मुहैया कराया जा रहा है.
लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में खांसी-जुकाम-बुखार के मरीजों की संख्या में अचानक इजाफा हो गया है. ये इन्फ्लूएंजा वायरस के लक्षण हैं. शुरुआत में कई जगह चिकित्सक इसे सामान्य वायरल समझते हुए मरीजों का दवा देते रहे. इसके बाद लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल में प्रतिदिन आ रहे मरीजों के 30 फीसदी सैंपल पॉजिटिव आने की बात सामने आई. केजीएमयू प्रशासन के मुताबिक अस्पताल में 40 से 50 मरीज रोज ऐसे आ रहे हैं, जिनमें फ्लू के लक्षण हैं. इसी प्रकार डॉ राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में इस तरह के मरीजों की संख्या 50 से 65 तक पहुंच चुकी है. वहीं अन्य अस्पतालों में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली.
इसके साथ ही बड़ी संख्या में मरीजों के अंदर इस तरह के वायरस के लक्षण नजर आ रहे हैं. इसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है. वहीं सरकार ने भी मरीजों की पहचान करने और सैंपलिंग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.
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चिकित्सकों के मुताबिक इन्हें ठीक होने में दो हफ्ते से ज्यादा का समय लग रहा है. इस समय में जब मौसम में बदलाव होता है, तो इन्फ्लूएंजा होने की संभावना अधिक होती है. ऐसे में सावधानी बरतना जरूरी है. फिलहाल स्थिति सामान्य है. 95 प्रतिशत से ज्यादा मरीज दवाइयों से ही ठीक हो रहे हैं. अस्पतालों में ज्यादा मरीज एडमिट नहीं हुए हैं. जिन लोगों को ज्यादा दिक्कत ही, वही भर्ती हैं.
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि मरीजों की जांच की जा रही है. जांच के बाद उनको उचित चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है. पैनिक की कोई स्थिति नहीं है. डिप्टी सीएम ने कहा कि जिन लोगों को लक्षण नजर आएं, वह अपनी जांच जरूर कराएं. बिना डॉक्टर के सलाह के कोई भी दवाई नहीं लें. सभी सरकारी अस्पतालों में दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं.
चिकित्सकों के मुताबिक जो मरीज इन्फ्लुएंजा-ए वायरस के एच3एन2 स्ट्रेन से संक्रमित हैं, उनमें दो तीन दिनों तक तेज बुखार बना रहता है. शरीर में दर्द, सिरदर्द, गले में जलन की शिकायत रहती है. इसके अलावा लगातार दो हफ्ते तक खांसी होती है. सीने में जकड़न और वायरल इंफेक्शन के मामले भी देखे जा रहे हैं. इनमें किसी भी तरह का लक्षण होेने पर तत्काल चिकित्सक के पास जाएं और अपनी जांच कराएं. डॉक्टरों ने इस तरह के लक्षण वाले रोगियों को अपने मन से दवा लेने से मना किया है.
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लक्षण होेने पर डॉक्टर के पास जाएं, अपने मन से दवा नहीं लें.
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डॉक्टर की सलाह लिए बगैर एंटीबायोटिक नहीं लें.
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सावर्जनिक स्थानों पर न थूकें और न ही हाथ मिलाएं, मास्क का प्रयोग करें.
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खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को अच्छी तरह कवर करें.
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भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें.
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हाथों को समय-समय पर पानी और साबुन से धोते रहें.
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नाक और मुंह छूने से बचें.
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तरल पदार्थों का सेवन करें.