बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने हाथरस गैंगरेप कांड (gangrape Case) को लेकर सीबीआई (CBI) जांच की मांग की है. उन्होंने कहा है कि इस मामले की या तो सीबीआई जांच हो या फिर, सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मामले की जांच की जाये. मायावती ने कहा कि जांच की शुरुआती रिपोर्ट से जनता संतुष्ट नहीं है. ऐसे में न्याय के लिए राष्ट्रपति को दखल देना चाहिए.
हाथरस में कथित गैंगरेप और पीड़िता की हत्या की जांच यूपी पुलिस की स्पेशल टीम कर रही है. योगी सरकार ने एसआईटी गठित कर टीम को जांच का जिम्मा सौंपा है. लेकिन मायावती ने इस जांच पर भरोसा न जताते हुए सीबीआई से जांच कराने की मांग की है.
1. हाथरस जघन्य गैंगरेप काण्ड को लेकर पूरे देश में ज़बरदस्त आक्रोश है। इसकी शुरूआती आई जाँच रिपोर्ट से जनता सन्तुष्ट नहीं लगती है। अतः इस मामले की CBI से या फिर माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जाँच होनी चाहिये, बी.एस.पी. की यह माँग। 1/2
— Mayawati (@Mayawati) October 3, 2020
दखल दें राष्ट्रपति : बसपा प्रमुख ने इस मामले में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से दखल देने की अपील है. मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि ” देश के माननीय राष्ट्रपति यू.पी. से आते हैं, व एक दलित होने के नाते भी इस प्रकरण में खासकर सरकार के अमानवीय रवैये को ध्यान में रखकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए दखल देने की भी उनसे पुरज़ोर अपील है.”
2. साथ ही, देश के माननीय राष्ट्रपति यू.पी. से आते हैं व एक दलित होने के नाते भी इस प्रकरण में ख़ासकर सरकार के अमानवीय रवैये को ध्यान में रखकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिये दखल देने की भी उनसे पुरज़ोर अपील। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) October 3, 2020
यूपी के हाथरस गैंगरेप कांड को लेकर शिवसेना भी योगी सरकार पर हमला कर रही है. इसी कड़ी में शिवसेना के विधायक प्रताप सरनाईक ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख से मांग की है कि हाथरस कांड की जांच मुंबई पुलिस से कराई जाए. इस जांच के लिए मुंबई में भी एक मामला दर्ज किया जाए.
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इधर, हाथरस गैंगरेप कांड को लेकर सीएम योगी ने लापरवाही और ढिलाई बरतने के आरोप में एसपी विक्रांत वीर, डीएसपी राम शबद, तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार वर्मा, वरिष्ठ उपनिरीक्षक जगवीहर सिंह, हेड मुहर्रिर महेश पाल को निलंबित कर दिया गया है. इस मामले में सभी आरोपियों का नार्को टेस्ट के निर्देश दिये गये हैं.
वहीं, हाथरस गैंगरेप कांड में पुलिस ने पीड़िता के गांव की सीमाओं पर बैरिकेड लगा दिये है. पुलिस विपक्षी नेताओं और मीडियाकर्मियों को पीड़िता के गांव में जाने से रोक रही है. प्रशासन का कहना है कि किसी भी नेता और मीडिया को हाथरस के उस गांव में तब तक प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी जब तक कथित सामूहिक बलात्कार मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (SIT) की जांच पूरी नहीं हो जाती.
posted by : pritish sahay