Helpline Number: वक्त बदलने के साथ कामकाजी महिलाओं की संख्या में इजाफा हुआ है. इसके साथ ही पढ़ाई और अन्य कार्यों की वजह से भी लड़कियां और महिलाएं अब पहले की तुलना में कहीं ज्यादा घरों से बाहर निकल रही हैं. कई बार काम की वजह से इन्हें घर लौटने में ज्यादा रात भी हो जाती है.
ऐसे में लड़कियों को जहां अपनी सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरतने की बेहद जरूरत है, वहीं आकस्मिक स्थिति में मदद के लिए जरूरी हेल्पलाइन (Helpline) की जानकारी होना भी बेहद जरूरी है. उत्तर प्रदेश पुलिस स्कूल-कॉलेज जाने वाली लड़कियों से लेकर कामकाजी महिलाओं के बीच इन हेल्पलाइन नंबर (Helpline Number) की जानकारी देने के लिए अभियान चलाती रहती है. वहीं आधी आबादी को स्वयं भी इन हेल्पलाइन के बारे में जागरूक होना जरूरी है.
महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई हेल्पलाइन नंबर (Women Helpline Number) भी जारी किए गए हैं. अगर कोई महिला कभी मुसीबत में फंस जाए तो हेल्पलाइन नंबर का पर कॉल करके मदद ले सकती है. इसलिए महिलाओं को ये हेल्पलाइन नंबर अपने मोबाइल फोन में जरूर सेव रखने चाहिए. इससे जरूरत पड़ने पर मदद मांगने में समय बर्बाद नहीं होगा.
महिलाएं आपात स्थिति में डायल 112 की मदद ले सकती हैं. इस पर कॉल करते ही पुलिस मदद के लिए पहुंच जाती है. मुसीबत में फंसी किसी महिला की काल आने पर डायल 112 से उसके मोबाइल पर एक मैसेज जाता है, जिसमें एक लिंक होता है. इस पर क्लिक करते ही महिला को पीआरवी के मूवमेंट की हर अपडेट मिलती है, मसलन, पीआरवी कहां पर है, किस रास्ते से महिला के पास आ रही है. कितनी देर में उनके पास पहुंच जाएगी.
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वीमेन पावर लाइन नंबर 1090: उत्तर प्रदेश के किसी भी कोने से महिलाएं इस टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर पर छेड़खानी समेत किसी भी प्रकार की समस्या, अत्याचार की शिकायत नि:शुल्क दर्ज करवा सकती हैं. सबसे अहम बात ये है कि 1090 पर शिकायत करने वाली महिला की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाती है. इस पर शिकायत करने वाली पीड़िता को किसी भी हालत में पुलिस थाने नहीं बुलाया जाता. यह हेल्पलाइन 27 घंटे और सप्ताह के सात दिन सक्रिय रहती है.
वीमेन पावर लाइन में कॉल महिला द्वारा ही रिसीव की जाती है. इस दौरान पीड़ित लड़की और महिला की शिकायत को गंभीरतापूर्वक सुना जाता है. उसे इस बात का भरोसा दिलाया जाता है कि उसकी समस्या का प्रभावी निस्तारण कराया जाएगा, जिससे पीड़ित युवती बेझिझक अपनी बात बता सके.
महिला हेल्पलाइन नंबर 1091: घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना सहित उत्पीड़न की शिकार महिलाएं तत्काल कानूनी मदद के लिए हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर-1091 पर शिकायत कर सकती हैं. 24 घंटे चलने वाले इस हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज करवाकर महिलाएं प्रताड़ना की शिकार होने से बच सकती हैं.
महिलाओं से संबंधित आपराधिक मामलों को लेकर आप हेल्पलाइन नंबर 1091 डायल कर जानकारी दे सकती हैं. इसके बाद पुलिस तत्काल घटनास्थल पर मदद के लिए पहुंचती है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग हेल्पलाइन नंबर-14433: महिला आयोग के अलावा महिलाओं से संबंधित अपराध की सुनवाई का वैकल्पिक क्षेत्राधिकार मानवाधिकार आयोग के पास भी है. दहेज हत्या या उसका प्रसास, दहेज उत्पीड़न, यौन शोषण, महिलाओं का अपमान आदि से संबंधित शिकायतों की सुनवाई के लिए इस हेल्पलाइन नंबर का सहारा लिया जा सकता है.
इसके अतिरिक्त बाल विवाह, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति पर अत्याचार, बंधुआ मजदूरी, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में संवैधानिक अधिकारों के प्रति बाधा पहुंचाए जाने पर इस हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. आयोग मीडिया रिपोटर्स के आधार पर भी मानवाधिकार उल्लंघन की किसी घटना का स्वत: संज्ञान ले सकता है.
एक वर्ष से अधिक पुरानी मानवाधिकार उल्लंघन की घटना पर आयोग सामान्यत: विचार नहीं करता है. इसलिए घटना घटित होने के बाद जल्द से जल्द शिकायत दर्ज करवाई जानी चाहिए. मानवाधिकार अयोग में किसी ऐसे मामले की शिकायत नहीं की जा सकती है, जो पहले ही किसी न्यायालय या राज्य मानवाधिकारी आयोग में विचाराधीन है.
आयोग ऐसी भी किसी शिकायत पर कार्रवाई नहीं करता है जो अस्पष्ट और गुमनाम रूप से भेजी गई हों. यहां नौकरी से संबधित मामलों की सुनवाई नहीं होती है. लेकिन, पेंशन, पारिवारिक पेंशन, सेवानिवृत्ति और मजदूरी देने से इनकार करने से संबंधित मामलों की सुनवाई की जाती है.
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) हेल्पलाइन नंबर- 7827170170 : राष्ट्रीय महिला आयोग एक ऐसी इकाई है जो महिलाओं से जुड़ी शिकायत या स्वतः संज्ञान के आधार पर महिलाओं के संवैधानिक हितों और उनके कानूनी सुरक्षा उपायों को लागू कराती है. भ्रूण हत्या, एसिड अटैक, यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, पुलिस उत्पीड़न, क्रूरता आदि की शिकायत इस हेल्पलाइन नंबर पर दर्ज कराई जा सकती है.
इसके अलावा राष्ट्रीय महिला अयोग में अदालत में विचाराधीन मामलों की शिकायत दर्ज नहीं की जाती है. राज्य महिला आयोग से शिकायत पर कार्रवाई नहीं किए जाने की स्थिति में राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है.
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग: राज्य महिला आयोग में भी महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और अन्य अन्नाय की शिकायत दर्ज की जाती हैं. हालांकि राज्य महिला आयोग की ओर से शिकायत दर्ज कराने के लिए ट्रोल फ्री हेल्पलाइन नंबर अभी तक जारी नहीं किया गया है.
इनके कार्यालय के लैंडलाइन नंबर 0522-2306403 और व्हाट्सऐप नंबर 6306511708 पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. इसके साथ ही ई-मेल up.mahilaayog@yahoo.com पर शिकायत भेज सकते हैं. दोनों आयोग ऐसे मामलों की जांच करने और समाधान प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
उप्र महिला सुरक्षा हेल्पलाइन नंबर 181: हेल्पलाइन 181 के जरिए महिलाओं को पुलिस, मेडिकल, कानूनी सलाह काउंसलिंग समेत 11 सुविधा आशा ज्योति केंद्र की एक छत के नीचे मिलती है. इस हेल्पलाइन में महिला से जुड़ी समस्याओं को सुना जाता है. महिलाओं की सुरक्षा के लिए इसे जारी किया गया है.
डायल 112 करने पर महिलाओं के पास सिर्फ पुलिस आती है और मामले को लोकल पुलिस के हवाले कर देती है. ये टीम एक्शन नहीं लेती, वहीं 181 हेल्पलाइन में एक छत के नीचे महिला संबंधी समस्याओं को सुन जाता है. पीड़ित महिलाओं को अलग-अलग शिकायतों के लिए भाग दौड़ की आवश्यकता नहीं होती.