Holika Dahan 2023: होलिका दहन का त्योहार हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा पर मनाया जाता है. होलिका दहन पर भद्रा काल जरुर देखा जाता है. मान्यता है कि होलिका दहन भद्रा रहित पूर्णिमा की रात को मनाना उत्तम रहता है. इस बार होलिका दहन पर कई तरह से शुभ मुहूर्त बन रहा है. होलिका दहन को छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है. यह सूर्यास्त के बाद प्रदोष के समय जब पूर्णिमा तिथि शुरू होती है, उसी समय होलिका दहन किया जाता है. होलिका दहन के लिए भद्रा, प्रदोष व्यापिनी, पूर्णिमा तिथि में होलिका दहन शुभ मानी जाती है. होलिका दहन का मुहूर्त किसी त्योहार के मुहुर्त से ज्यादा महतवपूर्ण होता है. होलिका दहन अगर शुभ मुहूर्त पर नहीं किया जाये तो दुखदायी होता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर होलिका दहन की नकारात्मक शक्तिया घर में विराजमान हो जाती है तो व्यक्ति को आर्थिक तथा शाररिक क्षति होता है. वेवजह के घर में तनाव बना रहता है. धर्म सिन्धु के अनुशार भद्रा मुख में होलिका दहन किया जाता है तो उस गांव तथा शहर के अंतर्गत जो निवास करते है. वे लोग काफी परेशानी झेलते है. बता दें कि होलिका दहन प्रदोष काल में ही किया जाता है ऐसे में फाल्गुन पूर्णिमा पर शाम के समय गोधूलि बेला में अगर भद्रा का प्रभाव हो तो होलिका दहन नहीं करना चाहिए, नहीं तो साधक सहित उसका परिवार संकट में आ जाता है.
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फाल्गुन पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 6 मार्च 2023 की शाम 4 बजकर 17 मिनट से 7 मार्च 2023 दिन मंगलवार की शाम 6 बजकर 09 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि के अनुसार होलिका दहन का त्योहार 7 मार्च को ही मनाया जाएगा. भद्रा रहित, प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि, होलिका दहन के लिये उत्तम मानी जाती है.
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भद्रा पूंछ 7 फरवरी की रात 12 बजकर 43 मिनट से 02 बजकर 01 मिनट तक रहेगा.
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भद्रा मुख 7 फरवरी की रात 02 बजकर 01 मिनट से 04 बजकर 11 मिनट तक रहेगा.
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फाल्गुन पूर्णिमा तिथि का समाप्ति 07 मार्च 2023 दिन मंगलवार की शाम 06 बतकर 09 मिनट तक रहेगा.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
मो. 8080426594/9545290847