लखनऊ : बॉलीवुड के प्रसिद्ध गायक किशोर कुमार का एक गाना था ”…जाना था जापान, पहुंच गये चीन”. इस गाने को भारतीय रेलवे ने सार्थक कर दिया है. बीती 21 मई को महाराष्ट्र के वसई से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के लिए चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन ओड़िशा के राउरकेला पहुंच गयी है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह भारतीय रेलवे की लापरवाही पर ट्वीट करते हुए चुटकी ली है. उन्होंने लिखा है कि ”मुंबई से यूपी के गोरखपुर जानेवाली श्रमिक स्पेशल ओड़िशा के राउरकेला पहुंच जाती है. क्योंकि, ड्राइवर रास्ता भटक गया था. वर्तमान सरकार की रणनीति से मिलता-जुलता यह एक विशुद्ध रूप से संयोग है. उम्मीद है कि थके हुए यात्रियों को जल्द ही सुरक्षित घर मिल जायेगा.”
Shramik Special from Mumbai to Gorakhpur, UP lands up in Rourkela, Odisha because the driver lost his way. Any resemblance to current government strategy is purely coincidental. Hope the exhausted passengers get home safely soon pic.twitter.com/Eg0cOqblbt
— RPN Singh (@SinghRPN) May 23, 2020
जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र के मुंबई स्थित वसई से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के लिए चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन का रूट डाइवर्ट हो गया. ट्रेन के रूट डायवर्ट करने को लेकर पश्चिम रेलवे की ओर से सफाई भी आयी है. पश्चिम रेलवे ने ट्वीट कर कहा है कि बड़ी संख्या में श्रमिक ट्रेनों के चलने और इटारसी-जबलपुर-दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर भारी भीड़ के कारण श्रमिक स्पेशल ट्रेन को बिलासपुर-झारसुगड़ा-राउरकेला के रास्ते डायवर्ट रूट पर वसई रोड, उधना, सूरत, वलसाड, डब्ल्यूआर के अंकलेश्वर से आनेवाली ट्रेनों को अस्थायी रूप से चलाने का निर्णय किया गया है. रूट बदलने के कारण ओड़िशा में ट्रेन के पहुंचने पर यात्रियों ने हंगामा किया था. इसके बाद पश्चिम रेलवे की तरफ से यह सफाई जारी की गयी है.
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Please note that Due to heavy congestion on Itarsi-Jabalpur-DDU route in view of running of large numbers of Shramik Specials, It is decided to temporarily run trains originating from Vasai Rd, Udhna,Surat,Valsad,Ankleshwar of WR on diverted route via Bilaspur-Jharsugda-Raurkela. pic.twitter.com/8FtSGulUf2
— Western Railway (@WesternRly) May 23, 2020
बताया जाता है कि मुंबई के वसई रोड से यह श्रमिक स्पेशल ट्रेन 21 मई को शाम सात बजकर 20 मिनट पर खुली थी. इस ट्रेन को अगले दिन 22 मई को गोरखपुर पहुंचनी थी. लेकिन, ट्रेन ओड़िशा के राउरकेला पहुंच गयी. वसई से गोरखपुर की दूरी करीब 1700 किलोमीटर है, जबकि वसई से राउरकेला की दूरी करीब 1500 किलोमीटर है. प्रवासी मजदूरों में इस बात को लेकर गुस्सा है कि 24 घंटे सफर कर वह राउरकेला आए हैं और अब राउरकेला से गोरखपुर का सफर करने में 8 से 10 घंटे बर्बाद होंगे. इन मजदूरों को अब राउरकेला से गोरखपुर जाने के लिए करीब 750 किलोमीटर का सफर और करना होगा.