Lucknow News: पीएम नरेंद्र मोदी के तीन कृषि कानूनों के ऐलान के बाद सियासी बयान लगातार सामने आ रहे हैं. अब, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने केंद्र के फैसले का स्वागत किया है. इसके साथ ही उन्होंने मांग कि है अब केंद्र सरकार सीएए एनआरसी वापस लेने की दिशा में कदम उठाए. उन्होंने कृषि कानूनों की वापसी को लोकतंत्र में जनता की सबसे बड़ी जीत कहा है.
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा- ‘कृषि कानूनों की ने वापसी लोकतंत्र में जनता की सबसे बड़ी जीत साबित की है. खुद को ताकतवर सोचने वाली सरकारों को समझ आ गया है वो गलत हैं. फैसले से साबित हुआ है कि लोगों के आंदोलन को जबरन नहीं कुचला जा सकता.’
We congratulate the farmers who continued their protest bravely, Similarly, we want Govt to roll back the Act that is going to hurt Muslims. They too are citizens of India just like others. If they're affected, the Govt should feel it in a similar manner: Maulana Arshad Madani pic.twitter.com/ZrzpFAKf3w
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 20, 2021
अरशद मदनी ने आगे कहा- ‘हम उन किसानों को बधाई देते हैं, जिन्होंने बहादुरी से विरोध को जारी रखा. हम चाह रहे हैं कि सरकार मुसलमानों को चोट पहुंचाने वाले सीएए-एनआरसी को वापस ले. मुसलमान भी दूसरों की तरह भारत के नागरिक हैं. अगर उन्हें नुकसान होता है तो केंद्र सरकार इसे भी उसी तरह सोचे.’
इसके पहले शुक्रवार को केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला लिया था. पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक जन्मोत्सव पर प्रकाश पर्व के अवसर पर राष्ट्र के संबोधन में कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी. पीएम मोदी ने कहा था- देशवासियों से क्षमा मांगते हुए यह कहता हूं हमारी तपस्या में कोई कमी रही. हम कृषि कानूनों को सही से नहीं समझा सकें. इन्हें वापस लेने का फैसला लिया है.
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